CBSE Exam: 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षा देने वाले छात्रों के लिए सीबीएसई बोर्ड ने एक बड़ी घोषणा की है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) ने 10वीं और 12वीं के एग्जाम में बड़ा बदलाव किया है। बोर्ड ने छात्रों के शैक्षणिक भार को कम करने के लिए 10वीं और 12वीं के सिलेबस में 10 से 15 % की कमी कर दी है। हालांकि, यह बदलाव अगली बोर्ड परीक्षा यानी 2025 से लागू होगा।
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सिलेबस में होगी कटौती
इंदौर में हुए ‘Bridging the Gap’ प्रिंसिपल्स समिट में, CBSE के भोपाल रीजनल ऑफिसर विकास कुमार अग्रवाल ने इसकी जानकारी दी। अग्रवाल ने बताया कि सिलेबस को कम करने का मकसद सिर्फ छात्रों पर शैक्षणिक बोझ कम करना और जरूरी Concept पर उनका फोकस बढ़ाना है। जिससे सभी छात्र रटने पर निर्भर होने के बजाय विषयों को अच्छी तरह से समझ सकें। साथ ही उन्होंने बताया कि सीबीएसई परीक्षाओं के लिए मूल्यांकन की संरचना में भी बदलाव किया जाएगा। आगे बताया कि, 10वीं और 12वीं के लिए आंतरिक मूल्यांकन अब फाइनल ग्रेड का 40 Percentage होगा। जबकि शेष 60Percentage लिखित परीक्षाओं पर आधारित होगा।
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आंसर की डिजिटल चेकिंग और ओपन बुक एग्जाम
CBSE अब डिजिटल तरीके से आंसर शीट चेक करने जा रहा है। इससे जल्दी और साफ-सुथरे यानी पारदर्शी तरीके से रिजल्ट तैयार हो सकेंगे। अंग्रेजी साहित्य और सामाजिक विज्ञान के विषयों के लिए open बुक एग्जाम शुरू करने की योजना है। इसमें बच्चे अपनी किताबें देखकर परीक्षा दे सकेंगे। इससे सिर्फ बच्चों की याददाश्त का ही नहीं बल्कि उनकी सोचने और समझने की क्षमता का पता चलेगा।
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एग्जाम में बदलाव
इंटरनल असेसमेंट के नंबर 40% होंगे और बाकी 60% नंबर फाइनल एग्जाम के होंगे। इससे बच्चों को साल भर पढ़ने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। प्रोजेक्ट, असाइनमेंट और समय-समय पर होने वाले टेस्ट अब इंटरनल असेसमेंट में शामिल होंगे। इससे बच्चों के ज्ञान का सही आंकलन हो पाएगा। उन्हें अपनी योग्यता दिखाने के लिए कई मौके मिलेंगे।बोर्ड ने यह भी बताया कि 2025 में एक ही बार बोर्ड एग्जाम होंगे। 2026 से फिर से दो बार बोर्ड एग्जाम करवाए जाएंगे। यह कदम पढ़ाई को आसान बनाने और बच्चों को अपनी योग्यता दिखाने के लिए ज्यादा मौके देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।