Ayodhya CBI Raid: समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व राज्य मंत्री पवन पांडेय ने अयोध्या के छावनी परिषद कैंट बोर्ड पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पांडेय का कहना है कि कैंट बोर्ड में 15 करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला टेंडर प्रक्रिया के नाम पर किया गया है। उन्होंने दावा किया कि जिस कोड से टेंडर निकाला गया, उसी कोड से टेंडर डाला गया। पांडेय ने आरोप लगाया कि टेंडर निकालने वाला और टेंडर डालने वाला एक ही व्यक्ति था, जो कि भ्रष्टाचार का स्पष्ट प्रमाण है।
फर्जी प्रमाण पत्रों की मिली भगत
पवन पांडेय ने यह भी खुलासा किया कि टेंडर में शामिल अनुभव प्रमाण पत्र और डीएम कार्यालय का प्रमाण पत्र फर्जी थे। उनके मुताबिक, ठेकेदार और कैंट बोर्ड के अधिकारियों की मिली भगत से करोड़ों रुपए की कमीशन बाजी की गई। इस खेल के चलते कई फर्जी प्रमाण पत्रों का उपयोग कर टेंडर प्रक्रिया को प्रभावित किया गया। उन्होंने इस भ्रष्टाचार की जांच के लिए रक्षा मंत्रालय से हस्तक्षेप की मांग की और दोषियों को बर्खास्त करने की अपील की।
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सफाई कर्मियों की छंटनी पर भी सवाल
अयोध्या के छावनी परिषद कैंट ऑफिस में सीबीआई ने बुधवार को छापा मारा। यह कार्रवाई समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व विधायक पवन पांडे द्वारा कार्यालय में 15 करोड़ रुपए के घोटाले के आरोप लगाए जाने के बाद की गई है। सीबीआई की टीम दो गाड़ियों में कैंट परिसर पहुंची और कार्यालय के भीतर जरूरी दस्तावेजों की जांच कर रही है। इस छापे को एक महत्वपूर्ण कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है।
पांडेय ने आरोप लगाया कि छावनी परिषद ने बिना किसी नोटिस के 100 से अधिक सफाई कर्मियों को नौकरी से निकाल दिया। उनका कहना है कि इन कर्मियों की रोजी-रोटी छिन गई है और उन्हें कोरोना काल के दौरान भी काम करने पर मजबूर किया गया था। पांडेय ने आरोप लगाया कि ठेकेदार और कैंट बोर्ड के अधिकारियों ने मोटे कमीशन के चलते इन कर्मचारियों की छंटनी कर दी, जो भ्रष्टाचार का जीवंत उदाहरण है।
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कैंट बोर्ड में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप
पवन पांडेय ने कैंट बोर्ड में भ्रष्टाचार के व्यापक स्तर का भी खुलासा किया। उन्होंने कहा कि अधिशासी अधिकारी, लेखाकार और ठेकेदार मिलकर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार कर रहे हैं। इस संदर्भ में पांडेय ने छावनी परिषद के भ्रष्टाचार की जांच की मांग की और आरोप लगाया कि यह पूरी प्रक्रिया देश के साथ छलावा और अपमान का हिस्सा है।
सपा की ओर से मिला समर्थन
इस मुद्दे पर समाजवादी पार्टी के अन्य पदाधिकारी भी सक्रिय रहे। महानगर अध्यक्ष श्याम कृष्ण श्रीवास्तव, महासचिव हामिद जाफर मीसम समेत कई वरिष्ठ नेता पांडेय के आरोपों का समर्थन करते हुए मामले की गंभीरता पर जोर दे रहे हैं। उन्होंने भी भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। पवन पांडेय के आरोपों से यह स्पष्ट होता है कि भ्रष्टाचार की समस्याएं केवल सरकारी दफ्तरों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ये उच्च स्तर पर भी फैली हुई हैं। कैंट बोर्ड में टेंडर प्रक्रिया और कर्मचारी छंटनी की शिकायतें इस बात का संकेत हैं कि सरकारी संस्थानों में पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी है।
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