Bihar: बिहार में जाति जनगणना को लेकर बवाल जारी हैं। बिहार में हुए जनगणना के मुताबिक बिहार में कुल कुल जनसंख्या 10 करोड़ 38 लाख 4 हजार 637 है। जिसमें की सबसे ज्यादा आबादी मुस्लिम, अनुसूचित जाति और अति पिछड़ा वर्ग का है। लेकिन फिर भी विधानसभा में इनकी आबादी सबसे कम हैं। बिहार की राजनीति में सबसे ज्यादा यादव, कुर्मी, ब्राह्मण, भूमिहार, राजपूत, कुशवाहा और बनियों का ही हमेशा से ही राजनीति में चलन चला आया है।
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हमेशा से ही जातियों का खेल रहा
आपको बताते चले कि इनमें से कुछ जातियां ऐसी भी हैं जो कि राज्य में माइनॉरिटी में आती हैं। जिनकी हिस्सेदारी विधानसभा में आबादी का दोगुना है। बिहार की सियासत में हमेशा से ही जातियों का खेल रहा हैं। जनगणना की जो लिस्ट जारी की गई थी, उसके मुताबिक कौन सी जातियां माइनॉरिटी में आती हैं इसके बारें में जानते हैं। लेकिन विधानसभा में इनकी मौजोरिटी है और किनकी मैजोरिटी होने के बावजूद बिहार की सियासत में माइनोरिटी है-
नीतीश सरकार ने जातिगत सर्वे रिपोर्ट पेश की
जब से बिहार में जातिगत सर्वे हुआ हैं तभी से वहां बवाल मचा हुआ हैं। जाति जनगणना की रिपोर्ट सामने आने के बाद जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी की मांग ने जोर पकड़ी हुई हैं। बता दे कि मंगलवार को नीतीश कुमार सरकार ने जातिगत सर्वे की रिपोर्ट पेश की हैं। नीतीश सरकार ने जातिगत सर्वे की जो रिपोर्ट पेश की हैं उसके मुताबिक मुसलमानों की 17.7 फीसदी, अनुसूचित जातियों की 19.65 प्रतिशत और अति पिछड़ा वर्ग की 36.01 फीसदी आबादी बिहार में रहती है। लेकिन फिर भी विधानसभा में इनकी हिस्सेदारी सबसे कम हैं।
पिछड़ा वर्ग के 28 विधायक
बिहार में जातिगत सर्वे की रिपोर्ट आने के बाद से पता चला कि बिहार विधानसभा में 19 मुस्लिम, अनुसूचित जाति के 38 और अति पिछड़ा वर्ग के 28 विधायक हैं यानी आबादी की तुलना में विधानसभा में इनकी हिस्सेदारी 7.81%, 15.63 और 11.52% है।
निया की 2.31 प्रतिशत आबादी
अगर बिहार की सियासत की बात करें तो बिहार की राजनीति में ब्राह्मणों की आबादी 3.65 प्रतिशत, यादवों की 14.26 प्रतिशत, भूमिहार की 2.86 प्रतिशत, राजपूत 3.45 प्रतिशत, कुशवाहा की 4.21 प्रतिशत, कुर्मी की 2.87 प्रतिशत और बनिया की 2.31 प्रतिशत आबादी रहती है। जिनका हमेशा से ही बोलबाला चला आया हैं। इन्हीं में से सबसे अधिक लोग विधानसभा पहुंचे हैं।
बिहार विधानसभा में भूमिहार की हिस्सेदारी..
आपको बता दे कि मौजूदा समय में बिहार विधानसभा में भूमिहार की हिस्सेदारी 6.58 प्रतिशत, राजपूत 10.69 प्रतिशत, कुशवाहा की 5.76 प्रतिशत, कुर्मी की 4.52 प्रतिशत और बनिया की 6.99 प्रतिशत हिस्सेदारी है। 55 यादव विधायक, 11 कुर्मी विधायक, 14 कुशवाहा विधायक, 17 बनिया विधायक, 14 ब्राह्मण विधायक और 26 राजपूत विधायक हैं।
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ताजा आंकड़ों के आने के बाद..
बिहार में जारी ताजा आंकड़ों के आने के बाद से देखने को मिला कि बनिया, कुर्मी, ब्राह्मण और बनिया, कायस्थ समेत कई जातियां ऐसी हैं जिनकी विधानसभा में हिस्सेदारी राज्य में अपनी आबादी का दोगुनी हैं। यादवों का आबादी का प्रतिशत 14.26 है लेकिन विधानसभा में हिस्सेदारी 22.36 प्रतिशत है। इसी तरह ब्राह्मण, भूमिहार, राजपूत, कुशवाहा, कुर्मी, बनिया और कायस्थों की कुल आबादी 3.65 प्रतिशत, 2.86 प्रतिशत, 3.45 प्रतिशत, 4.21 प्रतिशत, 2.87 प्रतिशत, 2.31 प्रतिशत और 0.60 प्रतिशत है। वहीं, विधानसभा में इनकी हिस्सेदारी, 5.76 फीसदी, 6.58 फीसदी, 10.69 फीसदी, 5.76 फीसदी. 4.52 फीसदी, 6.99 फीसदी और 1.23 फीसदी है। यह संख्या इनकी आबादी की तुलना में दोगुनी है।