बरेलीब्यूरो : शिवानी समदर्शी
बरेली : उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के आदेश अनुसार तथा माननीय जनपद न्यायाधीश श्री विनोद कुमार के दिशा निर्देशन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा शहर में लगातार विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया जा रहा है। जिसके संबंध में आज प्राधिकरण के पैरा लीगल वालंटियर द्वारा मानसिक अस्पताल में शिविर का आयोजन किया गया।
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अपर जिला जज सचिव निर्दोष कुमार के मार्गदर्शन में पैरा लीगल वालंटियर ने मानसिक अस्पताल में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया, जिसमें स्वस्थ हो चुके रोगियों से मुलाकात कर उनकी दवाइयों और पारिवारिक स्थिति के बारे में चर्चा करी। स्वस्थ हो चुके रोगियों को सरकार द्वारा चलाई जा रही जन उपयोगी योजनाओं की जानकारी उपलब्ध कराई गई। साथ ही ऐसे रोगियों की जानकारी ली जिनके परिवार ने काफी समय से मरीजों से संपर्क नहीं किया है।विधिक जागरूकता शिविर में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पैरा लीगल वालंटियर अवधेश कुमार शर्मा, अमित, पुष्पेंद्र यादव, पूजा सिंह और तरुण कुमार के साथ डॉक्टर के0एम0 प्रजापति, सालिक राम वर्मा उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में मानसिक रोगी से किया गया संपर्क
कार्यक्रम में मानसिक रोगी शिव सिंह और दीपक के परिवार से संपर्क किया गया और उनके परिवार को जल्द से जल्द मानसिक अस्पताल या जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में उपस्थित होने के लिए निर्देशित किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित सभी को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी उपलब्ध कराई गई और बताया गया कि जिन मरीजों के पास अपने किसी मुकदमे को लड़ने के लिए अधिवक्ता नहीं है वह भी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा निशुल्क अधिवक्ता योजना के तहत अधिवक्ता प्राप्त कर सकते हैं।
शिक्षामित्रों ने मनाया काला दिवस, काली पट्टी बांधकर जताया विरोध..
बरेली : उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के आह्वान पर शिक्षामित्रों ने मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय की तरफ से समायोजन रद होने के छठवीं बरसी को काला दिवस मनाया। विद्यालयों मे काली पट्टी बांध कर विरोध किया। विद्यालय समय बाद जनपद मे जिलाध्यक्ष कपिल यादव के नेतृत्व मे चौकी चौराहा स्थित सेठ दामोदर स्वरूप पार्क मे शिक्षामित्र एकत्रित हुए। मृतक शिक्षामित्रों की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट मौन रखा।
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शिक्षामित्रों ने सौंपा ज्ञापन
इसके बाद प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री से संबोधित ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारी मुन्नालाल को सौंपा। जिला संरक्षक विनीत चौबे ने कहा कि शिक्षामित्रों को महज दस हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय देकर शोषण किया जा रहा है। देश के भीतर प्रदेश के शिक्षामित्रों का मानदेय सबसे कम है। जिसके कारण परिवार का खर्च उठाना मुश्किल हो रहा है। जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनिल गंगवार ने कहा कि अब तक करीब आठ हजार से अधिक शिक्षामित्रों की अवसादग्रस्त होने से जान जा चुकी है। जिसको देखते हुए जिले के शिक्षामित्र मीडिया के माध्यम से अपना दर्द मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री तक पहुंचाना चाहते है।
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जान गवां चुके शिक्षामित्रों के लिए रखा गया मौन
शिक्षामित्रों ने जान गवां चुके शिक्षामित्रों के लिए दो मिनट मौन रखा। सरकार से मांग किया कि शिक्षामित्रों की परेशानी को देखते हुए अति शीघ्र अन्य प्रदेशों की तरह स्थायी निराकरण करें। अन्यथा एक शिक्षामित्र एक बार फिर आंदोलन करने के लिये मजबूर होंगे। जिलाध्यक्ष कपिल यादव ने कहा कि शिक्षामित्रों का समायोजन 25 जुलाई 2017 को सर्वोच्च न्यायालय ने रद कर दिया। छह साल के भीतर शिक्षामित्रों की हालत दयनीय हो गई है। महंगाई के दौर मे अल्प मानदेय पर काम करना नामुमकिन होता जा रहा है। इस मौके पर विनीत चौबे, अनिल गंगवार, अरविंद गंगवार, अचल सक्सेना, कुंवरसेन गंगवार, विजय चौहान, सहित सैकड़ों शिक्षामित्र शामिल रहे।