Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में कुल 14 प्रस्तावों पर चर्चा की गई, जिनमें से 13 प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की गई। कैबिनेट के इस महत्वपूर्ण सत्र में कई अहम निर्णय लिए गए हैं, जिनका राज्य की विकास योजनाओं और प्रशासनिक कार्यों पर गहरा प्रभाव पड़ेगा।
सरकारी गेस्टहाउसों का निजीकरण
इस बैठक का सबसे प्रमुख निर्णय उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विभाग के सरकारी पर्यटक अतिथि गृहों के निजीकरण का था। 87 गेस्टहाउसों में से घाटे में चल रहे या बंद हो चुके गेस्टहाउसों को निजी कंपनियों को 30 साल के लीज पर सौंपे जाने का प्रस्ताव पारित किया गया। निजी कंपनियां इन गेस्टहाउसों का संचालन और रखरखाव करेंगी, जिससे सरकार को भी अतिरिक्त आय प्राप्त होगी। यह कदम पर्यटन क्षेत्र में सुधार के उद्देश्य से उठाया गया है और इससे पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मिलने की संभावना है।
पाइप पेयजल आपूर्ति योजना की नई अनुरक्षण नीति
जलशक्ति विभाग के तहत ‘जलजीवन मिशन’ के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में पाइप पेयजल आपूर्ति योजना के संचालन और अनुरक्षण के लिए नई नीति 2024 को मंजूरी दी गई। इस नीति के माध्यम से उन गांवों में पानी की आपूर्ति और रखरखाव को सुनिश्चित किया जाएगा, जहां पर योजना का कार्य पूरा हो चुका है। इस कदम से ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति व्यवस्था को मजबूत किया जाएगा।
संस्कृत छात्रवृत्ति में वृद्धि
माध्यमिक शिक्षा विभाग ने संस्कृत छात्रों के लिए छात्रवृत्ति दरों में वृद्धि के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की। इससे संस्कृत शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्रों को आर्थिक सहायता प्राप्त होगी और शिक्षा के क्षेत्र में उनकी प्रोत्साहना बढ़ेगी। यह निर्णय प्रदेश में संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
स्टांप शुल्क में छूट
स्टांप और रजिस्ट्रेशन विभाग ने पारिवारिक बंटवारा पत्र (विभाजन ‘विलेख/पार्टीशन डीड) और समझौता पत्र (सेटलमेंट डीड) पर देय स्टांप शुल्क में छूट देने का प्रस्ताव पारित किया। इससे परिवारों के बीच संपत्ति के बंटवारे और समझौतों में वित्तीय राहत मिलेगी और प्रशासनिक प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा।
Read more: Chhatarpur Violence: सिटी कोतवाली पर पत्थरबाजी करने वाला मुख्य आरोपी Haji Shahzad Ali गिरफ्तार
डाटा सेंटर नीति में संशोधन
आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग ने ‘उत्तर प्रदेश डाटा सेंटर (प्रथम संशोधन) नीति-2021’ के तहत निवेशकों को दो ग्रिड लाइनों द्वारा विद्युत आपूर्ति के प्रस्ताव को मंजूरी दी। यह संशोधन डाटा सेंटरों के लिए बेहतर विद्युत नेटवर्क प्रदान करेगा और निवेशकों को आकर्षित करेगा।
गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना
औद्योगिक विकास के तहत गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए वीजीएफ (वेस्टर्न ग्रेटर फंड) की सम्पूर्ण धनराशि राज्य सरकार द्वारा वहन किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इसके अतिरिक्त, नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति से संबंधित प्रस्तावों को भी स्वीकृति प्रदान की गई।
Read more: Russia–Ukraine संघर्ष के बीच पीएम मोदी को आया पुतिन का फोन, आखिर क्या हुई बातचीत?
नए मेडिकल कॉलेजों का विस्तार
चिकित्सा शिक्षा विभाग ने केंद्र सहायतित योजना के तहत जिला चिकित्सालय, देवरिया को स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय में परिवर्तित करने के लिए 25 पुराने भवनों के ध्वस्त किए जाने की मंजूरी दी। यह कदम स्वास्थ्य क्षेत्र के विकास और बेहतर चिकित्सा सुविधाओं की दिशा में उठाया गया है।
इस कैबिनेट बैठक ने उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक और विकासात्मक नीतियों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। सरकारी गेस्टहाउसों के निजीकरण से पर्यटन क्षेत्र में सुधार की उम्मीद है, जबकि पाइप पेयजल आपूर्ति योजना की नई नीति से ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की स्थिति में सुधार होगा। संस्कृत छात्रवृत्ति में वृद्धि, स्टांप शुल्क में छूट और डाटा सेंटर नीति में संशोधन जैसे निर्णय राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में सकारात्मक प्रभाव डालेंगे। इन निर्णयों से राज्य की आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार की संभावना है।