Sitaram Yechury Death: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव और देश के वरिष्ठ वामपंथी नेता सीताराम येचुरी (Sitaram Yechury) का गुरुवार को दिल्ली के एम्स में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। उनके निधन की खबर से पूरे राजनीतिक गलियारे में शोक की लहर दौड़ गई है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत कई प्रमुख नेताओं ने येचुरी के निधन पर गहरा दुख जताया है।
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राष्ट्रपति मुर्मू: ‘प्रभावशाली और प्रतिबद्ध विचारक थे’
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सीताराम येचुरी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, “माकपा महासचिव सीताराम येचुरी के निधन की खबर से गहरा दुख हुआ। वह एक प्रभावशाली नेता और प्रतिबद्ध विचारक थे। एक छात्र नेता के रूप में शुरू हुई उनकी यात्रा ने उन्हें राष्ट्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का अवसर दिया।” राष्ट्रपति ने येचुरी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वे विचारधारा से इतर भी मित्र बनाने में सक्षम थे। उनके परिवार और पार्टी सहयोगियों के प्रति उन्होंने संवेदनाएं व्यक्त कीं।
पीएम मोदी ने किया शोक व्यक्त: ‘वामपंथ के मजबूत स्तंभ थे’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीताराम येचुरी के निधन पर एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने लिखा, “सीताराम येचुरी जी के निधन से दुखी हूं। वह वामपंथी विचारधारा के एक मजबूत स्तंभ थे और विभिन्न राजनीतिक धड़ों के बीच सेतु की भूमिका निभाने में सक्षम थे। उन्होंने संसद में भी अपनी अलग पहचान बनाई। इस दुखद घड़ी में मैं उनके परिवार और समर्थकों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। ओम शांति।”
अमित शाह और राजनाथ सिंह ने भी जताया गहरा दु:ख
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी येचुरी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “सीताराम येचुरी का निधन भारतीय राजनीतिक क्षेत्र के लिए एक बड़ी क्षति है। वह एक दृढ़ विचारधारा वाले नेता थे, जिन्होंने देश की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मैं उनके परिवार और मित्रों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं।” रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी येचुरी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, “सीताराम येचुरी एक अनुभवी सांसद थे और उनका निधन एक व्यक्तिगत क्षति है। सार्वजनिक जीवन में उनके साथ कई बार बातचीत हुई थी, जिसे मैं हमेशा याद रखूंगा।”
राहुल गांधी ने दी श्रद्धांजलि: ‘भारत के विचार के सच्चे रक्षक थे’
कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी सीताराम येचुरी के निधन पर शोक जताया। उन्होंने कहा, “सीताराम येचुरी जी भारत के विचार के सच्चे रक्षक थे। वह मेरे मित्र थे और मैं उनके साथ हुई चर्चाओं को हमेशा याद रखूंगा। यह हम सब के लिए एक बहुत बड़ा नुकसान है। दुख की इस घड़ी में उनके परिवार, दोस्तों और समर्थकों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना।”
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प्रियंका गांधी और अन्य नेताओं ने दी भावपूर्ण श्रद्धांजलि
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी सीताराम येचुरी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, “येचुरी जी का निधन हमारे लिए एक गहरी क्षति है। उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। वह राजनीति में संतुलन और शालीनता का प्रतीक थे। ईश्वर उनके परिवार और प्रियजनों को इस कठिन समय में संबल प्रदान करें।” केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी अपना शोक संदेश साझा किया और कहा, “सीताराम येचुरी मेरे जेएनयू के सीनियर थे। उनका निधन वामपंथी राजनीति के लिए एक बड़ी क्षति है।”
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‘वामपंथी एकता का बड़ा समर्थक खो दिया’
सीपीआई (एम) महासचिव डी. राजा ने सीताराम येचुरी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा, “हमने वामपंथी और कम्युनिस्ट एकता को मजबूत करने के लिए साथ मिलकर काम किया। वह एक महान नेता और प्रेरणादायक व्यक्ति थे। उनका जाना पूरे वामपंथी आंदोलन के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है।”
फारुख अब्दुल्ला: ‘देश ने एक बेतकल्लुफ़ नेता खो दिया’
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला ने भी सीताराम येचुरी के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, “सीताराम येचुरी मेरे बहुत करीबी मित्र थे। उनके जाने से देश ने एक बेतकल्लुफ़ नेता खो दिया है, जो हमेशा बेबाकी से अपनी बात रखते थे।” सीताराम येचुरी का निधन न केवल वामपंथी राजनीति के लिए, बल्कि पूरे देश के राजनीतिक परिदृश्य के लिए एक बड़ी क्षति है। उनके विचार, उनकी राजनीति और उनके व्यक्तित्व ने उन्हें एक अनूठा नेता बनाया। उनके निधन से भारतीय राजनीति का एक युग समाप्त हो गया।
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