Byju’s News: एडटेक दिग्गज बायजू के संस्थापक बायजू रवींद्रन (Byju Raveendran) ने पहली बार सार्वजनिक रूप से कंपनी के वित्तीय संकट पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि कंपनी का मौजूदा मूल्यांकन अब “जीरो” हो चुका है और इसके लिए उन्होंने सीधे तौर पर अपने निवेशकों को दोषी ठहराया। रवींद्रन ने दुबई से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि जब वह कंपनी का विस्तार और अधिग्रहण कर रहे थे, तब निवेशक उनका समर्थन कर रहे थे। लेकिन जैसे ही कंपनी पर संकट के बादल मंडराने लगे, ये सभी निवेशक साथ छोड़कर भाग गए।
निवेशकों का समर्थन और फिर दूरी बनाना
बायजू रवींद्रन ने बताया कि जब वह बायजूस (Byju’s) का बड़े स्तर पर विस्तार कर रहे थे, तब यही निवेशक उनके साथ खड़े थे। लेकिन जब मुश्किलें आईं और अमेरिकी लेंडर्स ने कंपनी को डिफॉल्टर घोषित कर दिया, उसके बाद निवेशकों ने अपने हाथ खींच लिए। उन्होंने Prosus जैसे बड़े निवेशकों का नाम लेते हुए कहा कि इन निवेशकों ने पिछले 4-5 सालों से कंपनी में कोई नया निवेश नहीं किया। हालात इतने बिगड़ गए कि अमेरिकी कर्जदाताओं से प्राप्त 1.2 बिलियन डॉलर के कर्ज को वापस करने में बायजूस को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
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निवेशकों के भागने से बढ़ी मुश्किलें
रवींद्रन ने खुलासा किया कि जैसे ही अमेरिकी लेंडर्स ने डिफॉल्ट की अर्जी डेलावेयर कोर्ट (Delaware Courts) में दायर की, कंपनी के तीन महत्वपूर्ण डायरेक्टर्स ने इस्तीफा दे दिया। इससे कंपनी के लिए फंड जुटाना और भी मुश्किल हो गया। उन्होंने कहा, “हमारी कंपनी संकट में नगदी की कमी के कारण फंसी हुई है। कई अधिग्रहणों के बीच में ही हम नगदी के संकट से जूझ रहे हैं।”
बायजूस का संकट अभी भी जारी
बायजू रवींद्रन ने बताया कि अमेरिकी कर्जदाताओं से मिला 1.2 बिलियन डॉलर कंपनी के ऑर्गेनिक ग्रोथ और छोटे अधिग्रहणों के लिए इस्तेमाल किया गया। लेकिन जैसे ही वैश्विक वित्तीय स्थिति में बदलाव आया और फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरें बढ़ाने की योजना बनाई, बायजूस को नगदी संकट का सामना करना पड़ा। रवींद्रन ने यह भी स्पष्ट किया कि कंपनी के अधिग्रहणों का सफर अभी भी आधे रास्ते पर है, लेकिन नगदी की कमी ने इसे और भी कठिन बना दिया है।
“मैं दुबई में नहीं भागा, भारत लौटने की योजना पर काम कर रहा हूं”
दुबई में रह रहे बायजू रवींद्रन ने इस बात से इनकार किया कि वे भारत से भाग खड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि वह अपने पिता के इलाज के सिलसिले में दुबई में हैं और मुकदमों के निपटारे के बाद भारत लौटने की योजना बना रहे हैं। रवींद्रन ने कहा, “मैं दुबई में छुपने के लिए नहीं आया हूं। मैं अपने परिवार के स्वास्थ्य कारणों से यहां हूं और जल्द ही भारत वापस लौटूंगा।”
निवेशकों ने संकट के समय नहीं दिया साथ
रवींद्रन ने अफसोस जताया कि उनके निवेशकों ने संकट के समय में साथ नहीं दिया। उन्होंने कहा, “जब निवेशकों को मुश्किलें दिखने लगीं, तो उन्होंने बिना किसी रणनीति के प्रबंधन को बदलने की मांग शुरू कर दी। इससे कंपनी के हालात और भी बिगड़ गए।” हालांकि, रवींद्रन ने भरोसा जताया कि बायजूस इस संकट से बाहर आने में सफल होगा और जल्द ही कंपनी का पुनर्निर्माण किया जाएगा।
बायजूस: एक समय का चमकता सितारा
बायजूस, जो कभी भारतीय स्टार्टअप सेक्टर का सबसे अधिक मूल्यांकन वाला उद्यम था, आज वित्तीय संकट से जूझ रहा है। कंपनी का विस्तार और अधिग्रहण रणनीति ने उसे कर्ज में डूबा दिया। निवेशकों द्वारा कंपनी से हाथ खींचने और नए फंडिंग के अभाव ने हालात को और भी कठिन बना दिया है। हालांकि, बायजू रवींद्रन अब भी कंपनी के भविष्य को लेकर सकारात्मक हैं और इसे उबारने के लिए प्रयासरत हैं।