Moradabad News: उत्तर प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव की तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो गई हैं। मुरादाबाद की कुंदरकी (Kundarki) विधानसभा सीट पर भी दावेदारों की दौड़ दिल्ली से लेकर लखनऊ तक तेज हो गई है। इस सीट पर 2022 में सपा के जियाउर्रहमान बर्क (Ziaurrahman Burke) विधायक चुने गए थे, जो अब संभल लोकसभा सीट से सांसद बन गए हैं, जिसके बाद यह सीट खाली हो गई है।
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बसपा की संभावित वापसी से बदलेंगे समीकरण
कुंदरकी विधानसभा सीट पर बसपा (BSP) की संभावित वापसी से सियासी समीकरण बदलने की उम्मीद है। बसपा ने आखिरी बार 2007 में इस सीट पर जीत दर्ज की थी। अब, उपचुनाव में बसपा के मैदान में उतरने से भाजपा (BJP) और सपा (SP) को अपनी रणनीतियों पर नए सिरे से विचार करना होगा। 2022 के विधानसभा चुनाव में जियाउर्रहमान बर्क ने सपा के टिकट पर जीत दर्ज की थी। सपा ने उन्हें लोकसभा चुनाव में संभल सीट से उम्मीदवार बनाया था, जहां से वे सांसद चुने गए। इसके बाद, उनके इस्तीफे से कुंदरकी विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना तय है। सपा से टिकट के लिए अब तक 12 से अधिक दावेदार सामने आ चुके हैं।
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भाजपा की रणनीति और प्रभारी नियुक्ति
भाजपा ने भी कुंदरकी सीट पर उपचुनाव के लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी ने अपने प्रभारी नियुक्त कर दिए हैं और उम्मीदवारों ने लखनऊ और दिल्ली में अपने संपर्क साधने शुरू कर दिए हैं। उत्तर प्रदेश में विधानसभा की 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) सरकार के लिए बड़ी चुनौती साबित होने वाले है। लोकसभा चुनाव 2024 में उम्मीद से कम सीटें मिलने के बाद, भाजपा ने इन उपचुनावों में डैमेज कंट्रोल की रणनीति अपनाई है। इसके तहत सरकार ने 18 मंत्रियों को 10 विधानसभा क्षेत्रों का प्रभारी नियुक्त किया है
बसपा की चुनावी तैयारियाँ
बसपा ने भी उपचुनाव की तैयारी में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। मंडलीय स्तर पर बैठकों का आयोजन हो रहा है और सीट को आठ जोनों में बांटकर नेताओं को जिम्मेदारियाँ सौंपी गई हैं। बसपा ने पिछले चुनाव में तीसरा स्थान हासिल किया था, लेकिन दलित-मुस्लिम समीकरण के बल पर दो बार जीत दर्ज कर चुकी है। भाजपा और सपा के उम्मीदवारों ने बसपा के बड़े नेताओं से भी संपर्क साधना शुरू कर दिया है, ताकि अपने दल से टिकट नहीं मिलने की स्थिति में बसपा का विकल्प आजमा सकें।
2022 विधानसभा चुनाव परिणाम
2022 के चुनाव में सपा के जियाउर्रहमान को 125,792 वोट मिले थे, जबकि भाजपा के कमल कुमार को 82,630 वोट और बसपा के हाजी रिजवान को 42,742 वोट मिले थे। कांग्रेस की दरक्शा बेगम को केवल 1,716 वोट मिले थे और एआईएमआईएम के मोहम्मद वारिस को 14,251 वोट प्राप्त हुए थे। कुंदरकी सीट पर सपा, बसपा और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर रही है। 2022 में सपा के जियाउर्रहमान बर्क विजयी रहे थे, जबकि 2017 और 2012 में भी सपा के हाजी रिजवान ने जीत दर्ज की थी। बसपा ने 2007 और 1996 में जीत हासिल की थी, जबकि 1993 में भाजपा के चंद्र विजय सिंह ने जीत दर्ज की थी।
बसपा की मंडल स्तरीय बैठक
गुरुवार को बसपा की मंडल स्तरीय बैठक में कुंदरकी विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव की तैयारियों पर चर्चा की गई। बैठक की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष सुनील आजाद और संचालन जिला महासचिव चंद्रपाल सैनी ने किया। बैठक में पश्चिम उत्तर प्रदेश के प्रभारी मुनकाद अली, पूर्व सांसद गिरीश चंद्र, डॉ. रणविजय सिंह, निर्मल सिंह सागर, मुकेश, सतपाल कश्यप, रामकुमार गुलाब, संजीव शर्मा आदि मौजूद रहे।
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उपचुनाव की रणनीति
बसपा ने कुंदरकी सीट पर अपनी रणनीति तैयार कर ली है। पार्टी ने सीट को आठ जोनों में बांटकर नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी है। वहीं, सपा और भाजपा भी अपनी तैयारी में जुटी हुई हैं। कुंदरकी विधानसभा उपचुनाव में सियासी दलों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा। बसपा की संभावित वापसी से सियासी समीकरण बदल सकते हैं। भाजपा, सपा और बसपा के बीच इस सीट को लेकर सियासी घमासान तेज हो चुका है। अब देखना होगा कि कौन सा दल इस सीट पर बाजी मारता है और कौन सी रणनीति कारगर साबित होती है।