Bijnor News: बिजनौर के खजुरिया रोड पर वर्षों से चल रहे अतिक्रमण का अंत आखिरकार शनिवार को प्रशासन की सख्त कार्रवाई (Bulldozer Action) से हो गया। लंबे समय से अटके इस मामले में प्रशासन ने चार बुलडोजर लगाकर 53 पक्के अतिक्रमण को हटा दिया। हैरानी की बात यह रही कि इस अभियान में प्रशासन ने किसी की एक न सुनी और थाने व तहसील परिसर की चहारदीवारी को भी तोड़ दिया।
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अधिकारियों के आवास भी नहीं बचे
प्रशासन की इस कार्रवाई में केवल आम नागरिक ही नहीं, बल्कि छह अधिकारियों के सरकारी आवास भी बुलडोजर की चपेट में आ गए। शनिवार को सुबह से ही नगर पालिका और पुलिस प्रशासन की टीम रोड पर नजर रखने के लिए सक्रिय थी। पिछले पांच वर्षों से इस रोड पर अतिक्रमण हटाने की कोशिशें हो रही थीं, लेकिन किसी न किसी कारणवश यह अभियान टल जाता था। इस बार प्रशासन ने किसी भी प्रकार की रियायत न बरतते हुए अतिक्रमण पर कार्रवाई की।
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अतिक्रमण हटाने की तैयारी में जुटे लोग
खजुरिया रोड पर अतिक्रमण हटाने के लिए पहले से ही प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी थी। अतिक्रमण चिन्हित करने के बाद नोटिस जारी किया गया था, जिससे यहां के निवासियों को प्रशासन की मंशा का अंदाजा हो गया था। नतीजतन, कई लोग स्वयं ही अपने अतिक्रमण हटाने में जुट गए थे। कुछ परिवार तो प्रशासन की सख्ती देखते हुए अपने घर छोड़कर अन्यत्र चले गए थे, ताकि उनका सामान सुरक्षित रह सके। शनिवार को खजुरिया रोड पर बुलडोजर की गर्जना सुनाई देती रही। प्रशासन ने इस अभियान को जल्द समाप्त करने के लिए एक साथ चार बुलडोजर तैनात किए थे, जो सुबह से ही इस रोड पर लगातार चल रहे थे। तहसील प्रशासन ने पहले ही अतिक्रमण चिन्हित कर लाल निशान लगा दिए थे।
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सड़कों पर पुलिस का कड़ा पहरा
अभियान के दौरान खजुरिया रोड पर आवागमन को पूरी तरह से बंद कर दिया गया था। प्रशासन ने सिविल लाइन से खजुरिया रोड की ओर जाने वाली सड़क को मोड़ से ही ब्लॉक कर दिया था। तहसील गेट और विकास भवन की ओर जाने वाली सड़कों को भी बंद कर दिया गया था, ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना न हो। पूरे इलाके में पुलिस फोर्स तैनात रही और नगर पालिका की ट्रेक्टर-ट्राली मलबा हटाने में जुटी रही।
इतिहास और अतिक्रमण का विवाद
कभी नगर की लाइफलाइन मानी जाने वाली खजुरिया रोड पर अतिक्रमण ने इसे संकरा बना दिया था। पुराने समय में यह क्षेत्र समृद्ध वर्ग का आवास था, लेकिन समय के साथ नगर पंचायत और तहसील बनने के बाद यहां अधिकारियों के आवास बन गए। धीरे-धीरे लोगों ने इस सड़क पर कब्जा करना शुरू कर दिया, जिससे यह रोड संकरी होती चली गई और नगर का विकास बाधित होता गया।
प्रशासन ने की सख्त कार्रवाई
प्रशासन के इस सख्त अभियान के दौरान कई लोग इसे रोकने की कोशिश में लगे रहे, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। शाम होते-होते कई लोगों की तबीयत भी बिगड़ गई और एक व्यक्ति को शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। अधिकांश लोगों ने खुद ही अपने अतिक्रमण को हटा लिया, जिसे प्रशासन ने सकारात्मक पहल मानते हुए सहयोग प्रदान किया। नगर पालिका के कर्मियों को अतिक्रमण हटाने में सहयोग के लिए लगाया गया और पुलिस सुरक्षा के इंतजाम किए गए, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
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एसडीएम सदर का बयान
इस अभियान के दौरान एसडीएम सदर डॉ. ललित कुमार मिश्रा ने कहा, “प्रशासन ने खजुरिया रोड पर अतिक्रमण हटाने के लिए गंभीर कदम उठाए हैं। यह अभियान पूरी तरह से सफल रहा और लोगों ने भी सहयोग किया। किसी को भी असुविधा न हो, इसका पूरा ध्यान रखा गया।” खजुरिया रोड पर हुए इस बड़े एक्शन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि प्रशासन अब किसी भी प्रकार के अतिक्रमण को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है। आने वाले समय में नगर के अन्य इलाकों में भी इसी प्रकार के अभियान की संभावना जताई जा रही है।