ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक जी 20 समिट में शामिल होने भारत आए। लेकिन वापस जाते ही सांसदों ने ऋषि सुनक की भारी आलोचना की। दरअसल, हाउस ऑफ कॉमन्स में सांसद उनकी जमकर आलोचना कर रहे हैं।
लंदन: यूके के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक जी20 से लौटने के बाद अपने विपक्षियों के निशानें पर आ गए हैं। हाल ही में जी20 सम्मेलन के लिए भारत आए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक को अपने देश में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। हाउस ऑफ कॉमन्स में सांसद उनकी जमकर आलोचना कर रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटिश प्रधानमंत्री की आलोचना इसलिए भी की जा रही है क्योंकि यूके को ऐतिहासिक नए आर्थिक गलियारे समझौते से बाहर रखा गया है। ऐसे में विपक्ष उनसे इसको लेकर भी सवाल पूछ रहा है. इसके साथ ही, विपक्ष सुनक से बार-बार यह भी पूछ रहा है कि क्या उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी से स्कॉटिश सिख जगतार सिंह जोहल की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए कहा ? क्या उन्होंने उनके सामने यह तथ्य उठाया था कि भारत रूस से तेल खरीद रहा है?
‘G20 की संयुक्त घोषणा निराशाजनक’
ब्रिटिश संसद में विपक्ष के नेता सर कीर स्टॉर्मर ने G20 की संयुक्त घोषणा को निराशाजनक बताया. उन्होंने कहा कि ये पिछले साल के G20 समिट की तुलना में कमज़ोर थी. लिबरल डेमोक्रेट सांसद रिचर्ड फ़ोर्ड ने सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री सुनक कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की बात से सहमत हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि उनके बस में होता तो G20 घोषणा की भाषा ज़्यादा मजबूत होती?
सुनक ने रखा अपना पक्ष…
विपक्ष के जवाब में ब्रिटिश पीएम सुनक ने कहा, ‘चूंकि यह G7 याG1 नहीं है, इसलिए यह हमारे लिए नहीं है, कि हम केवल वह भाषा लें जो हम चाहते हैं। यूक्रेन पर हमारी स्थिति सभी के लिए बिल्कुल स्पष्ट है, लेकिन जी20 एक बड़ा समूह है जिसमें कई देश शामिल हैं, जो वैश्विक मामलों पर एक जैसा दृष्टिकोण या वास्तव में समान मूल्यों को साझा नहीं करते हैं’ उन्होंने आगे कहा कि ऐसे में यह समझ लेना कि यह जी7 में हमारी एकमतता को प्रतिबिंबित कर सकता है, पूरी तरह से गलत है. आरोप लगाने वालों को समझना होगा कि विदेशी मामले कैसे काम करते हैं।
पीएम मोदी के साथ ही मुद्दे पर चर्चा…
लेबर सांसद बैरी शेरमन ने पूछा कि क्या सुनक ने मोदी से पूछा था कि उन्होंने यूक्रेन पर आक्रमण के लिए रूस की निंदा क्यों नहीं की। क्या उन्होंने पूछा कि मोदी मुसलमानों और ईसाइयों के सभी उत्पीड़न को रोकने के लिए क्या कर रहे हैं, उनकी मस्जिदों और चर्चों को जला दिया गया है। सुनक ने इस जवाब दिया, ‘प्रधानमंत्री और मैंने कई मुद्दों पर चर्चा की।’ जहां तक ब्रिटेन के मिडिल ईस्ट कॉरिडोर में शामिल नहीं होने का सवाल है तो इस पर कनाडा, जापान या इटली ने भी साइन नहीं किए हैं। सुनक ने बताया कि उन्होंने जोहल का मामला मोदी के सामने उठाया था।