New Laws: भारतीय आपराधिक कानून में आज से महत्वपूर्ण परिवर्तन हो गए है. आज से तीन नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय प्रणाली को आधुनिक बनाने के उद्देश्य से देशभर में लागू हो गए हैं. इन कानूनों का उद्देश्य न्याय प्रक्रिया को सुगम और प्रभावी बनाना है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इन कानूनों के माध्यम से न्याय प्रणाली में व्यापक बदलाव की घोषणा की है. नए कानून को लेकर सरकार ने पुलिस महकमे, सरकारी वकीलों और न्यायिक अधिकारियों को उसकी विस्तारपूर्वक जानकारी देने के लिए कई प्रयास किए हैं.
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क्या है तीन नए कानून ?
भारतीय न्याय संहिता: जो भारतीय दंड संहिता (IPC) का स्थान लेगी.
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता: जो दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की जगह लेगी.
भारतीय साक्ष्य अधिनियम: जो भारतीय साक्ष्य अधिनियम (IEA) का स्थान लेगी.
जानिए मुख्य बदलाव के बारें में ..
- इलेक्ट्रॉनिक शिकायत: अब लोग पुलिस स्टेशन गए बिना ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकेंगे.
- जीरो एफआईआर: किसी भी पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई जा सकेगी, चाहे अपराध उस थाने के अधिकार क्षेत्र में हुआ हो या नहीं.
- वीडियोग्राफी: सभी जघन्य अपराधों के घटनास्थल की वीडियोग्राफी अनिवार्य होगी.
- समन का एसएमएस: मोबाइल फोन पर एसएमएस के माध्यम से समन भेजा जाएगा.
- महिला पीड़िताओं की सुरक्षा*: महिला पुलिस अधिकारी पीड़िताओं का बयान अभिभावक या रिश्तेदार की उपस्थिति में दर्ज करेगी। मेडिकल रिपोर्ट सात दिनों के भीतर देनी होगी.
- बच्चों के खिलाफ अपराध: नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म पर मृत्युदंड या उम्रकैद का प्रावधान.
- प्राथमिक उपचार: महिलाओं और बच्चों के साथ होने वाले अपराध पीड़ितों को सभी अस्पतालों में निशुल्क प्राथमिक उपचार मिलेगा.
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न्याय प्रक्रिया में सुधार
- त्वरित फैसला: आपराधिक मामलों में 45 दिनों के भीतर फैसला.
- आरोप तय करना: पहली सुनवाई के 60 दिनों के भीतर आरोप तय किए जाएंगे.
- गिरफ्तारी सूचना: गिरफ्तार व्यक्ति को अपनी पसंद के किसी व्यक्ति को सूचित करने का अधिकार मिलेगा.
- गवाह सुरक्षा योजना: सभी राज्य सरकारों के लिए अनिवार्य होगी.ताकि गवाहों की सुरक्षा व सहयोग सुनिश्चित किया जाए और कानूनी प्रक्रियाओं की विश्वसनीयता व प्रभाव बढ़ाया जाए.
- लैंगिकता की परिभाषा: इसमें ट्रांसजेंडर भी शामिल हैं, जिससे समानता को बढ़ावा मिलेगा.
क्या बोले केंद्रीय कानून मंत्री?
आपको बता दे कि ये नए कानून न्याय, पारदर्शिता, और निष्पक्षता पर आधारित हैं. यह बदलाव न्याय प्रणाली को अधिक प्रभावी, त्वरित और न्यायपूर्ण बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. आज से देशभर में लागू तीन नए आपराधिक कानून को लेकर केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने रविवार को कहा कि प्रौद्योगिकी और फोरेंसिक विज्ञान के क्षेत्र में हो रहे विकास को देखते हुए ये तीनों कानून जरूरी हैं. मेघवाल ने यह भी कहा कि तीनों आपराधिक कानून विचार-विमर्श के बाद ही लाए गए हैं। मेघवाल ने कहा-नए आपराधिक कानून एक जुलाई, 2024 से लागू किए जाएंगे. तीनों आपराधिक कानून विचार-विमर्श के बाद लाए गए हैं. सरकार का लक्ष्य देश की जनता को न्याय प्रदान करना है.
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