Bihar bridge collapse: बिहार (Bihar) में लगातार पुल गिरने की घटनाओं ने नीतीश सरकार की विकास योजनाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विकास के दावे एक बार फिर असफल होते नजर आ रहे हैं, क्योंकि बिहार में पुलों के गिरने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में राज्य में मौजूद और हाल ही में बने सभी पुलों के स्ट्रक्चरल ऑडिट की मांग की गई है। दाखिल याचिका में पिछले दो वर्षों में दो बड़े पुलों और कई छोटे-मझौले पुलों के निर्माण के तुरंत बाद गिरने की घटनाओं का हवाला दिया गया है।
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बाढ़ प्रभावित राज्य में पुलों की स्थिति
बिहार बाढ़ प्रभावित राज्य है, जहां 68,800 वर्ग किलोमीटर यानी 73.6 प्रतिशत भूभाग भीषण बाढ़ की चपेट में आता है। ऐसे में पुलों का गिरना लोगों के लिए बड़ा खतरा बन गया है। ताजा मामला सिवान जिले का है, जहां पिछले 12 घंटों में तीन पुल गिर चुके हैं। पहली घटना महाराजगंज अनुमंडल के पटेड़ा गांव की है, जहां गंडक नदी पर बना पुल बुधवार को अचानक गिर गया। दूसरी घटना महाराजगंज प्रखंड के तेवथा पंचायत में हुई, जहां नौतन और सिकंदरपुर गांव के बीच बना पुल गिर गया। तीसरी घटना गंडक नदी पर बने धमई गांव के पुल की है, जो कुछ दिन पहले ही मरम्मत किया गया था।
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पानी के तेज बहाव से ध्वस्त पुल
ग्रामीणों का कहना है कि तेज बहाव के कारण पुल ध्वस्त हो गया। सौभाग्य से इस हादसे में किसी की जान नहीं गई, लेकिन पुल गिरने के बाद से दोनों तरफ के गांव वालों में चिंता का माहौल है। लोग अब आवागमन कैसे करेंगे, इस पर चिंतित हैं। पुराने पुलों की स्थिति को देखते हुए ग्रामीण आशंकित हैं कि कहीं और पुल भी न गिर जाएं।
पुल गिरने की घटनाएं जारी
ग्रामीणों का कहना है कि 24 घंटे से लगातार बारिश हो रही है और पुल की कभी मरम्मत नहीं हुई थी। इस कारण यह पुल आज टूट गया। यह पुल 35 से 40 वर्ष पुराना था और सैकड़ों लोगों का आने-जाने का एकमात्र साधन था। बिहार में पुल गिरने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जिससे सरकार की विकास योजनाओं पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
सरकार की निष्क्रियता पर सवाल
सिवान में बैक-टू-बैक तीन पुलों के गिरने से कई गांवों का संपर्क टूट गया है। पहली घटना महाराजगंज अनुमंडल के पटेड़ा गांव और देवरिया गांव के बीच की है, जहां गंडक नदी पर बना 35 साल पुराना पुल का एक पाया धंसने लगा और देखते ही देखते पुल नदी में समा गया। इन घटनाओं ने सरकार की निष्क्रियता और भ्रष्टाचार को उजागर कर दिया है।
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ग्रामीणों की बढ़ी परेशानियां
गंडकी नदी पर बना पुल अचानक धंस गया, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया। पुल धंसने के कारण एक दर्जन गांवों का आवागमन बाधित हो गया है। स्थानीय लोगों के अनुसार, बीती देर रात करीब 1 बजे पुल धंस गया, जिससे लोग परेशान हैं। गंडकी नदी पर बने इस छोटे पुल का अंतिम छोड़ आज अहले सुबह धंस गया। पानी के तेज बहाव के कारण पुल धंसने की आशंका जताई जा रही है।
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पिछले दिनों भी गिरा था पुल
महाराजगंज अनुमंडल में ही 10 दिन पहले गरौली गांव के पास गंडकी नदी पर बना पुल ध्वस्त हो गया था। लगातार हो रही घटनाओं ने सरकार की कार्यक्षमता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बिहार में पुलों का गिरना लगातार जारी है और यह सरकार की विकास योजनाओं और कार्यक्षमता पर बड़ा सवाल है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका और लोगों की बढ़ती चिंताओं के बीच, सरकार को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना होगा और सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। स्ट्रक्चरल ऑडिट और पुलों की मरम्मत के साथ-साथ निर्माण में गुणवत्ता की भी जांच आवश्यक है ताकि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
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