BPSC: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा के लिए निर्धारित नए नियमों को लेकर पटना में छात्रों और अभ्यर्थियों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है. परीक्षा में बदलाव के खिलाफ सैकड़ों छात्र बीएससी कार्यालय के बाहर उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी करते हुए सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार की मांग की है. उनका कहना है कि BPSC द्वारा लागू किए गए नए नियम उनके लिए अनावश्यक और भेदभावपूर्ण हैं.
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नए नियमों का विरोध: तैयारी पर पड़ रहा असर
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि इन नए नियमों के कारण उनकी परीक्षा की तैयारी में भारी परेशानियां आ रही हैं. उनका कहना है कि अचानक हुए बदलाव ने उनके मेहनत को नजरअंदाज कर दिया है और यह उनके भविष्य पर भी प्रतिकूल असर डाल सकता है. इन बदलावों के कारण विद्यार्थियों को असमंजस की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है, और अब वे अपनी तैयारी पर ध्यान केंद्रित करने में असमर्थ हैं.
पुलिस के हस्तक्षेप के बाद प्रदर्शन बढ़ा
बीएससी (BPSC) कार्यालय के बाहर प्रदर्शन और भी तेज हो गया, जिसके बाद पुलिस को मौके पर बुलाना पड़ा. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठी चार्ज किया, जिससे प्रदर्शनकारियों के मन में और गुस्सा पैदा हुआ। प्रदर्शनकारी धमकी दे रहे हैं कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की जातीं, तो वे अपने आंदोलन को और तेज करेंगे। इस मुद्दे पर सोशल मीडिया पर भी लगातार चर्चा हो रही है, और छात्र इसे लेकर अपनी असहमति जता रहे हैं.
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राजद नेता तेजस्वी यादव ने सरकार को घेरा
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और राजद नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने भी इस मुद्दे पर एनडीए सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने 70वीं BPSC परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन पद्धति को लेकर सवाल उठाए हैं और आयोग से इस पर स्पष्ट विचार रखने की मांग की है. तेजस्वी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा, “हमारी मांग है कि परीक्षा एक दिन, एक शिफ्ट, एक पेपर, और एक पैटर्न में आयोजित की जाए, और पेपर लीक की कोई संभावना न हो।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि फॉर्म भरने की आखिरी तिथि से 2-3 दिन पहले सर्वर में तकनीकी खामियों के कारण लाखों छात्रों को आवेदन करने का अवसर नहीं मिला.
नॉर्मलाइजेशन प्रकिया पर विवाद
बीपीएससी (BPSC) ने इस बार 70वीं परीक्षा में परसेंटाइल और नार्मलाइजेशन पद्धति लागू करने का निर्णय लिया है, जिसके कारण विपक्ष और छात्र नेताओं ने विरोध जताया है. उनका कहना है कि यह पद्धति किसी भी हालत में स्वीकार नहीं की जा सकती. बीपीएससी का मानना है कि इस पद्धति से पेपर लीक की समस्या को रोका जा सकेगा, क्योंकि आयोग अलग-अलग सेट के प्रश्न पत्र तैयार करेगा. हालांकि, विरोधियों का तर्क है कि अगर विभिन्न सेटों के प्रश्न पत्र होंगे तो कुछ सेट में कठिन सवाल होंगे, जबकि कुछ में सरल सवाल. इससे परीक्षा की निष्पक्षता पर सवाल उठ सकता है.
नॉर्मलाइजेशन क्या होता है ?
नॉर्मलाइजेशन (Normalization) एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसे तब अपनाया जाता है जब परीक्षा को विभिन्न पालियों में आयोजित किया जाता है. इस पद्धति के तहत, विभिन्न पालियों में परीक्षा देने वाले उम्मीदवारों के अंकों को सामान्य किया जाता है. यह प्रक्रिया यह सुनिश्चित करती है कि सभी उम्मीदवारों के लिए समान अवसर हो, और परीक्षा के परिणाम अधिक निष्पक्ष तरीके से निकाले जा सकें. बीपीएससी (BPSC) की 70वीं परीक्षा में लागू किए गए नए नियमों के खिलाफ छात्रों का विरोध जारी है. उनके लिए यह बदलाव उनकी परीक्षा की तैयारी पर भारी पड़ रहे हैं, और वे इसे भेदभावपूर्ण मानते हैं। इस मुद्दे पर सरकार और बीपीएससी से जल्द ही कोई औपचारिक बयान जारी होने की संभावना जताई जा रही है.
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