Uddhav Thackeray VS Eknath shinde: आज दशहरा के मौके पर शिवसेना के दोनों गुट आमने-सामने होंगे। उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे दशहरा रैली करेगी। जिसके माध्यम से आने वाले लोकसभा और राज्य के विधानसभा चुनाव की हुंकार भी भरी जाएगी। एक ही दिन पर दोनों गुट रैली करेंगे। एकनाथ शिंदे का गुट आजाद मैदान में रैली करेगी तो वही उद्धव ठाकरे का गुट शिवाजी पार्क में रैली करेगी।
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रैलियों के माध्यम से सियासी संदेश
सबसे दिलचस्प बात तो यह हैं कि इन रैलियों के माध्यम से सियासी संदेश दिए जाएंगे, लेकिन सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि दोनों गुटों की रैलियों के केंद्र बिन्दु बाला साहेब ठाकरे हैं।
1966 में शिवसेना की स्थापना की
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि बाला साहेब ठाकरे ने 1966 में शिवसेना की स्थापना की थी। तब शिवाजी पार्क में शिवसेना ने पहली रैली की थी। तभी से बाला साहेब ठाकरे की अगुवाई में शिवसेना ने अपना सफर शुरू किया था। साल 2022 में जब एकनाथ शिंदे ने बगावत की उसके बाद पार्टी में दो गुट बने। एक गुट उद्धव की अगुवाई में संचालित हो रहा है तो वहीं दूसरे के नेता एकनाथ शिंदे हैं।
शिवसेना अपने मूलविचार से भटक गई
आपको बता दे कि जब एकनाथ शिंदे ने 1 साल पहले पार्टी तोड़ी, तब उन्होंने शिवसेना के कांग्रेस के साथ जाने का भी हवाला दिया था। लेकिन उस समय उन्होंने आरोप लगाया था कि उद्धव की अगुवाई में शिवसेना अपने मूलविचार से भटक गई और जिस कांग्रेस और उसकी नीतियों का बाला साहेब विरोध करते रहे उसी के साथ सरकार बना ली जिससे कार्यकर्ता नाराज हैं।
एकनाथ शिंदे के आरोपों को खारिज कर दिया
लेकिन उधर, उद्धव ठाकरे गुट ने एकनाथ शिंदे के आरोपों को खारिज कर दिया। उनका कहना है कि पार्टी कभी अपने मूल से नहीं भटकी. कांग्रेस के साथ सरकार बनाने के बाद भी हिन्दुत्व, सावरकर समेत अन्य मुद्दों पर उसकी नीतियों में कोई बदलाव नहीं आया है।
दोनों गुटों की यह दूसरी रैली
बता दे कि अब दोनों गुटों की यह दूसरी रैली है। अगर बंटवारा नहीं होता तो ये बाला साहेब ठाकरे की स्थापित शिवसेना की 57वीं रैली होती। वहीं उद्धव गुट शिवाजी पार्क में और शिंदे गुट आजाद मैदान से हुंकार भरेगा तो दोनों की कोशिश है कि वह जनता में खुद को बाला साहेब का उत्तराधिकारी बता सकें। उद्धव के अगुवाई वाली शिवसेना ने अपने सोशल मीडिया पेज पर जहां एक वीडियो शेयर कर पिछले 57 सालों का सफर जारी किया है तो वहीं सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा है कि वह बाला साहेब की हिन्दुत्व की विचारधारा के पथ पर अग्रसर हैं।
फेसबुक पर एक पोस्ट के जरिए लिखा
एकनाथ शिंदे ने सोशल मीडिया साइट फेसबुक पर एक पोस्ट के जरिए लिखा कि हमने सवा साल पहले पूज्य हिंदू हृदय सम्राट शिव सेना प्रमुख बाला साहब ठाकरे के विचारों को अपनाकर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया था। हम बालासाहेब के हिंदुत्व को, उनके विचारों को, उनकी पार्टी को और उनके इरादे के अनुरूप नेतृत्व करने का ईमानदारी से प्रयास कर रहे हैं।
भाषणों की छोटी-छोटी क्लिपिंग शेयर की
जिसके बाद उधर, शिवेसना उद्धव गुट ने अपने फेसबुक पेज पर 3.15 मिनट का वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो बाला साहेब ठाकरे के भाषणों की छोटी-छोटी क्लिपिंग शेयर की गई है। इस वीडियो को शेयर कर लिखा गया है कि निष्ठावान शिवसैनिकों के लिए ‘ठाकरे भगवान हैं।
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वीडियो शेयर कर लिखा
वहीं यह वीडियो शेयर कर लिखा गया – ‘ठाकरे’ नाम की ताकत यह है कि जब उस नाम का समर्थन किया जाता है, तो वफादार शिवसैनिकों के पास दुनिया की किसी भी चुनौती का सामना करने की शक्ति आ जाती है। ठाकरे सभी निष्ठावान शिवसैनिकों के भगवान हैं जो कभी न खत्म होने वाली ऊर्जा और प्रेम का स्रोत हैं!
आपको बता दे कि शिवसेना के दो गुट होने के बाद दोनों समूह किसी भी मुख्य चुनाव में आमने सामने नहीं आए हैं। ऐसे में आगामी लोकसभा चुनाव के लिए यह दशहरा रैली महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। दोनों समूह सियासी संदेश देने के साथ ही बाला साहेब के उत्तराधिकार पर भी दावा करते दिख सकते हैं।