बॉम्बे शेविंग कंपनी के संस्थापक और सीईओ Shantanu Deshpande, ने भारत में त्वरित भोजन वितरण की बढ़ती हुई लत को देख कर उस पर चिंता व्यक्त की है। Shantanu ने इसे एक गंभीर स्वास्थ्य महामारी का नाम बताया है। उनका माना है कि, भारत में खराब पोषण और अस्वास्थ्यकर प्रसंस्कृत भोजन की बढ़ती खपत, जिसमें पाम ऑयल और चीनी की अधिक मात्रा होती है, एक गंभीर समस्या बन चुकी है। Shantanu ने यह भी कहा किया कि, पिछले 50 वर्षों में हमारे अनाज में पोषण की कमी आई है क्योंकि कृषि उपज के पोषण मूल्य पर ध्यान नहीं दिया गया।
Read More:Dixon Technologies के शेयरों ने की साझेदारी, कंपनी ने व्यावसायिक अपडेट की घोषणा
जंक फूड की आलोचना
Shantanu Deshpande ने प्रसंस्कृत और अति प्रसंस्कृत भोजन पर निर्भरता और जंक फूड की लत की आलोचना करते हुए…. इसे आधुनिक जीवनशैली के खतरों में से एक बताया। उन्होंने उदाहरण के रूप में एक त्वरित भोजन फर्म के संस्थापक से अपनी बातचीत का उल्लेख किया, जिसमें खाना पकाने का समय सिर्फ 2 मिनट था और डिलीवरी का समय 8 मिनट था। यह आंकड़ा उनके लिए चौंकाने वाला था, क्योंकि इसका मतलब यह था कि लोग अपनी तात्कालिक भूख को शांत करने के लिए इतना तेजी से भोजन प्राप्त करने की चाहत में अपने स्वास्थ्य और पोषण संबंधी जरूरतों की अनदेखी कर रहे हैं। इसने उन्हें यह सोचने पर मजबूर किया कि ऐसे तेज़-तर्रार भोजन विकल्पों से दीर्घकालिक स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ सकता है।
Read More:Vishal Mega Mart और Mobikwik समेत 11 कंपनियों की लिस्टिंग, कब तक खुलेंगे नए आईपीओ?
नियंत्रण नहीं पाया गया तो दूसरे देशों की तरह बनेगा भारत
Deshpande ने चेतावनी भी दी कि, अगर इस प्रवृत्ति पर नियंत्रण नहीं पाया गया, तो भारत अमेरिका और चीन जैसे देशों की दिशा में बढ़ सकता है, जहां जंक फूड और स्वास्थ्य समस्याओं की उच्च दर है। उन्होंने भारतीय क्विक कॉमर्स फर्मों जैसे ज़ोमैटो, स्विगी, और ज़ेप्टो से अनुरोध किया कि वे इस तरह के खाद्य उत्पादों को बेहतर और स्वस्थ बनाने की कोशिश करें, ताकि भारतीय समाज में पोषण और स्वास्थ्य की दिशा में सुधार हो सके।
Read More:Vishal Mega Mart IPO: निवेशकों को मिलेगा मनचाहा हिस्सा ? जानिए अलॉटमेंट की तारीख और चेक करने का तरीका
स्वास्थ्यवर्धक आहार को दे प्राथमिकता वरना आएगी बड़ी लहर
उनकी पोस्ट में यह भी उल्लेख था कि निवेशक और संस्थापक इस समस्या को भारतीय वाणिज्य की अगली बड़ी लहर के रूप में पेश करने के लिए आकर्षक शब्दों की तलाश कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने इस दृष्टिकोण से बचने की सलाह दी। उनका संदेश साफ था, स्वास्थ्य और पोषण को प्राथमिकता देते हुए खाद्य पदार्थों को स्वादिष्ट और ‘खाने योग्य’ बनाना चाहिए, ताकि जंक फूड की लत को बढ़ावा न मिले और लोग संतुलित और स्वास्थ्यवर्धक आहार की ओर अग्रसर हो सकें।