Bomb Threat Case: पिछले एक हफ्ते में देश के भीतर और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों (International flights) में बम की फर्जी धमकियों का सिलसिला बढ़ गया है। अब तक करीब 100 फ्लाइट्स को बम से उड़ाने की धमकी (Bomb Threat) दी गई, लेकिन सभी झूठी निकलीं। इन कॉल्स के चलते उड़ानें काफी देर से हुईं, जिससे यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा। इस मसले पर सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए फर्जी कॉल करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है।
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कड़े कदम उठाने की तैयारी
नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू (Ram Mohan Naidu) ने इस स्थिति पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार फर्जी बम की कॉल करने वालों को कानून के तहत कड़ी सजा देने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा, “हम इस मामले में कानूनी बदलावों पर काम कर रहे हैं और झूठी कॉल करने वालों को ‘नो-फ्लाई लिस्ट’ में डालने का प्रस्ताव है।” इसके साथ ही विमानन कंपनियों को होने वाले नुकसान की भरपाई भी इन आरोपियों से करवाई जाएगी।
बम की धमकियों के बाद हाई लेवल बैठकें
सरकार ने फर्जी बम की धमकियों को गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय में उच्चस्तरीय बैठक की है। गृह सचिव ने सीआईएसएफ और BCAS के अधिकारियों से ताजा हालात की जानकारी ली। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अधिकतर धमकियां विदेशों से आ रही हैं, जिससे सुरक्षा एजेंसियों के सामने चुनौती बढ़ गई है। राम मोहन नायडू ने बताया कि सरकार ‘SUASCA एक्ट’ में संशोधन करने की योजना बना रही है, ताकि फर्जी बम धमकी को संज्ञेय अपराध की श्रेणी में लाया जा सके। इसके लिए अन्य मंत्रालयों के साथ चर्चा जारी है। नायडू ने साफ किया कि यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है, और सुरक्षा के साथ किसी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा।
फर्जी कॉल्स से विमानन कंपनियां परेशान
फर्जी बम (Fake bomb Threat) की धमकियों से सबसे ज्यादा प्रभावित विमानन कंपनियां हो रही हैं। हर कॉल के बाद उड़ानें रोकनी पड़ती हैं, जिससे न केवल यात्री परेशान होते हैं, बल्कि एयरलाइंस को भी भारी नुकसान झेलना पड़ता है। एयरलाइंस ने सरकार से मांग की है कि फर्जी कॉल करने वालों के खिलाफ कड़े कानून बनाए जाएं और उन्हें होने वाले नुकसान की भरपाई भी आरोपियों से करवाई जाए।
फर्जी धमकियों पर होगी सख्त कार्रवाई
सरकार अब विमान (सुरक्षा) नियमों में बदलाव करने की तैयारी में है, ताकि इस तरह की धमकियों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जा सकें। इसके तहत झूठी कॉल्स करने वाले व्यक्तियों की पहचान करके उन्हें नो-फ्लाई लिस्ट में शामिल किया जाएगा। इसके अलावा, सरकार विमान सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए अतिरिक्त कदम उठा रही है। फर्जी कॉल्स से निपटने के लिए विशेष टास्क फोर्स का गठन भी किया जा सकता है, ताकि सुरक्षा एजेंसियां त्वरित कार्रवाई कर सकें।
हवाई यात्रा को प्रभावित करने वाले इन फर्जी बम धमकियों से न केवल यात्रियों की सुरक्षा को खतरा है, बल्कि विमानन कंपनियों का भी भारी नुकसान हो रहा है। सरकार ने इस मसले को गंभीरता से लेते हुए नियमों में बदलाव और सख्त कानूनी कार्रवाई की योजना बनाई है। जल्द ही इन फर्जी कॉल्स करने वालों को पहचान कर उनके खिलाफ कड़े कदम उठाए जाएंगे, जिससे हवाई यात्रा में सुरक्षा और विश्वसनीयता को बढ़ावा मिल सके।