Jharkhand: रांची (Ranchi) में आज हेमंत सोरेन सरकार (Hemant Soren government) के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने ‘युवा आक्रोश रैली’ का आयोजन किया. इस रैली में शामिल होने के लिए हजारों बीजेपी कार्यकर्ता मोरहाबादी मैदान में इकट्ठा हुए. राज्य के युवाओं में सरकार के खिलाफ गहरी नाराजगी दिखी, जिसे बीजेपी ने इस रैली के माध्यम से व्यक्त करने का प्रयास किया.
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पुलिस का कड़ा सुरक्षा प्रबंध
बताते चले कि रैली के दौरान मोरहाबादी (Morhabadi) मैदान से मुख्यमंत्री आवास तक मार्च निकालने की बीजेपी की योजना थी, लेकिन पुलिस ने कड़ी बैरिकेडिंग कर प्रदर्शनकारियों को रोक दिया. पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया. इसके बावजूद, बड़ी संख्या में युवाओं ने मैदान में उपस्थिति दर्ज कराई, जो सरकार के खिलाफ उनकी नाराजगी को स्पष्ट रूप से दर्शाता है.
बाबूलाल मरांडी ने सरकार पर साधा निशाना
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि युवाओं का आक्रोश इस बात का संकेत है कि हेमंत सोरेन सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से पुलिस द्वारा जगह-जगह बैरिकेडिंग की गई और कंटीले तार लगाए गए, वह पहले कभी नहीं देखा गया था. इसके बावजूद, युवाओं की भारी संख्या में उपस्थिति ने सरकार के खिलाफ गुस्से को प्रकट किया है.
युवाओं के रोजगार के वादे पर सवाल
बीजेपी युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष शशांक राज ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि पांच लाख नौकरी देने का वादा करके हेमंत सोरेन सरकार ने युवाओं को ठगने का काम किया है. अब राज्य के युवा सरकार से जवाब मांग रहे हैं और वे इस तरह की नीतियों को स्वीकार नहीं करेंगे. शशांक राज ने जोर देकर कहा कि चाहे सरकार कितनी भी कोशिश कर ले, युवा अब इस अन्याय को सहन करने के लिए तैयार नहीं हैं.
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भाजपा के बड़े नेताओं की मौजूदगी
युवा आक्रोश रैली में बीजेपी के कई प्रमुख नेता मंच पर उपस्थित थे. इनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो, नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी, विधायक सीपी सिंह सहित कई विधायकों और सांसदों की उपस्थिति दर्ज की गई.
निषेधाज्ञा और प्रशासनिक कार्रवाई
रैली से पहले जिला प्रशासन ने मोरहाबादी मैदान के परिसर को छोड़कर इसके 500 मीटर के दायरे में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (बीएनएसएस) की धारा 163 लागू कर दी. इसके तहत, सार्वजनिक सभाओं, रैलियों, धरनों, प्रदर्शनों और पांच या अधिक लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। प्रशासन ने हथियार, गोला-बारूद, विस्फोटक और पारंपरिक हथियार जैसे लाठी, भाले, धनुष और तीर ले जाने पर भी प्रतिबंध लगाया. साथ ही लाउडस्पीकर के उपयोग पर भी रोक लगाई गई.
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भाजपा ने हेमंत सरकार पर साधा निशाना
भाजपा ने इस निषेधाज्ञा को हेमंत सोरेन सरकार द्वारा किए गए ‘अन्याय’ के खिलाफ भाजयुमो कार्यकर्ताओं की ‘आवाज दबाने’ का प्रयास करार दिया है. बीजेपी का कहना है कि सरकार ने जानबूझकर रैली को रोकने के लिए इस तरह की कार्रवाई की है. भाजपा ने यह भी दावा किया कि झारखंड विधानसभा चुनाव में सरकार को बाहर का रास्ता दिखाए जाने में बमुश्किल दो महीने का समय बचा है, और राज्य की जनता इस सरकार के खिलाफ वोट देकर अपना आक्रोश व्यक्त करेगी.
राज्य की राजनीति में एक नया मोड़
रांची में आयोजित इस युवा आक्रोश रैली ने राज्य की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है. बड़ी संख्या में युवाओं की उपस्थिति और पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद रैली में उभरा गुस्सा साफ दर्शाता है कि राज्य की जनता वर्तमान सरकार से खुश नहीं है. आगामी विधानसभा चुनावों में यह असंतोष किस दिशा में जाता है, यह देखना दिलचस्प होगा.
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