Chandigarh: चंडीगढ़ में मेयर चुनाव में भाजपा को मिली जीत के बाद आप पार्टी तिलमिलाई हुई. आप और कांग्रेस के मेयर पद के दावेदार कुलदीप कुमार ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. चंडीगढ़ महापौर चुनाव परिणामों को रद्द करने तथा उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में नए सिरे से चुनाव कराने का अनुरोध किया. आज हाई कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई हुई.
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चंडीगढ़ प्रशासन के वकील ने क्या कहा?
बता दे कि गठबंधन ने चुनाव परिणाम आने के बाद पीठासीन अधिकारी पर मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ किए जाने का आरोप लगाया है. कुलदीप कुमार के द्वारा दायर की गई याचिका पर आज पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशाशन को नोटिस जारी कर तीन हफ्ते में जवाब मांगा है. इस मामले पर अगली सुनवाई 26 फरवरी को होगी. चंडीगढ़ प्रशासन के वकील अनिल मेहता ने कहा कि याचिका कर्ता को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट से आज कोई राहत नहीं मिली है. चंडीगढ़ प्रशाशन को नोटिस जारी हुआ है, जिसका जवाब प्रशासन देगा। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस बेवजह चुनावों में धांधली का आरोप लगा रहे हैं.
आप-कांग्रेस गठबंधन के पास बहुमत
दरअसल, चंडीगढ़ में आप-कांग्रेस गठबंधन के पास बहुमत है, लेकिन फिऱ भाजपा कैसे जीती. इस बात की खलबली सभी विपक्षी दलों को मची हुई है. मतों की गिनती के दौरान पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह पर वोटों की गिनती के दौरान मतपत्रों से छेड़छाड़ कर बीजेपी के प्रत्याशी को जीतने का आरोप लगाते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. याचिका में मेयर चुनाव की प्रक्रिया को रद करने, चुनाव से जुड़ा पूरा रिकॉर्ड सील करने, मेयर के पदभार संभालने पर रोक लगाने, इस पूरी चुनावी प्रक्रिया में हुई धांधली की जांच करवाने और नए सिरे से हाईकोर्ट के रिटायर जज की निगरानी में चुनाव करवाने का निर्देश जारी करने की अपील की गई है.
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