Kiran Choudhry News: भारतीय जनता पार्टी (BJP) की वरिष्ठ नेता किरण चौधरी ने हरियाणा से राज्यसभा (Rajya Sabha) सीट पर निर्विरोध जीत दर्ज की है। मंगलवार को दोपहर 3 बजे नामांकन वापस लेने की समय सीमा समाप्त होने के बाद किरण चौधरी को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया। हरियाणा के पूर्व मंत्री और राज्यसभा की नई सदस्य ने 21 अगस्त को अपना नामांकन दाखिल किया था। उस समय केवल उनकी उम्मीदवारी थी, जिसके कारण उन्हें निर्विरोध चुना गया। रिटर्निंग ऑफिसर साकेत कुमार ने शाम 4.33 बजे उन्हें राज्यसभा के निर्वाचन प्रमाण पत्र प्रदान किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी भी उपस्थित थे।
हरियाणा सीएम ने दी बधाई
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के माध्यम से उन्हें बधाई दी। उन्होंने कहा कि, “हरियाणा की वरिष्ठ नेत्री किरण चौधरी जी को निर्विरोध राज्यसभा के लिए निर्वाचित होने पर ढेर सारी बधाई एवं शुभकामनाएं। हरियाणा के हितों की मजबूत आवाज़ बनकर आप देश की संसद के उच्च सदन में उभरेंगीं और आपके दशकों के राजनीतिक अनुभवों का देश-प्रदेश को लाभ मिलेगा ऐसा मुझे पूर्ण विश्वास है।”
भाजपा की उम्मीदवारी और कांग्रेस की चुप्पी
किरण चौधरी की राज्यसभा सीट पर जीत का रास्ता कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों की चुप्पी के कारण आसान हो गया। दीपेंद्र हुड्डा के इस्तीफे के बाद खाली हुई सीट पर भाजपा ने किरण चौधरी को अपना उम्मीदवार बनाया था। 20 अगस्त को कुलदीप बिश्नोई को दरकिनार करते हुए भाजपा ने चौधरी का नाम घोषित किया। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने संख्या बल के अभाव को देखते हुए चुनाव में कोई उम्मीदवार नहीं उतारा, जिससे किरण चौधरी की जीत सुनिश्चित हो गई थी।
कांग्रेस का संघर्ष जारी
किरण चौधरी ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थामा था। उनकी बेटी श्रुति चौधरी को लोकसभा टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर किरण चौधरी ने कांग्रेस से अलविदा कहा और भाजपा में शामिल हो गईं। भाजपा में शामिल होने के बाद से ही अटकलें लगाई जा रही थीं कि किरण चौधरी को राज्यसभा में स्थान मिल सकता है। और अब यह अटकलें सच साबित हुई हैं। भाजपा की रणनीति और कांग्रेस की चुप्पी ने किरण चौधरी को राज्यसभा तक पहुंचा दिया।
Read more: Chhatarpur Violence: सिटी कोतवाली पर पत्थरबाजी करने वाला मुख्य आरोपी Haji Shahzad Ali गिरफ्तार
सुप्रीम कोर्ट में कानूनी चुनौती का खतरा
हालांकि, किरण चौधरी की राज्यसभा सदस्यता पर कानूनी विवाद की संभावना भी जताई जा रही है। संविधान विशेषज्ञों का कहना है कि किरण चौधरी ने भाजपा ज्वाइन करने से पहले इस्तीफा दे दिया था। यदि मामला कोर्ट तक गया तो एंटी डिफेक्शन कानून के तहत उनकी सदस्यता संकट में आ सकती है। 2005 में विधायक कृष्णलाल पंवार के खिलाफ एंटी डिफेक्शन मामला चल रहा था, और 2019 में नैना चौटाला और अनूप धानक के मामले में भी ऐसा हुआ था।
सियासी गलियारों में मची हलचल
सियासी गलियारों में चर्चा है कि भाजपा किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी को आगामी हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए टिकट दे सकती है, हालांकि इस पर कोई औपचारिक ऐलान अभी नहीं हुआ है। किरण चौधरी की राज्यसभा यात्रा से संबंधित चर्चाएँ और संभावनाएँ सियासी चर्चा का प्रमुख विषय बनी हुई हैं। कुल मिलाकर, भाजपा की रणनीति और कांग्रेस की चुप्पी ने किरण चौधरी को राज्यसभा तक पहुंचा दिया है, लेकिन उनके खिलाफ संभावित कानूनी चुनौतियाँ भी बनी हुई हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इन चुनौतियों का सामना करते हुए किरण चौधरी अपनी सदस्यता को बनाए रख पाती हैं या नहीं।