Indore: मध्य प्रदेश के इंदौर में अपराधियों के बेखौफ होने का ताजा मामला सामने आया है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) युवा मोर्चा के नगर उपाध्यक्ष मोनू कल्याणे की गोली मारकर हत्या कर दी गई है. यह घटना जेल रोड स्थित गणेश मंडल सभागृह के सामने हुई है. मोनू कल्याणे के हत्यारे उनके घर के नजदीक ही रहते थे. हत्या के बाद मोनू के घर के बाहर भारी पुलिस बल तैनात कर दी गई है. हत्या का कारण अभी स्पष्ट नहीं हुआ है. एसीपी विनोद दीक्षित के अनुसार, मोनू रविवार सुबह भगवा वाहन रैली निकालने वाले थे और रात में चौराहे पर बैनर-पोस्टर लगवा रहे थे.
Read More: इन राज्यों मौसम का यू-टर्न,जानिए कहां कब पहुंच रहा मॉनसून..
बदमाशों ने मोनू के सीने पर मारी गोली
बैनर पोस्टर लगवाने के दौरान बाइक सवार 2 युवक मोनू के पास आए और मोबाइल नंबर मांगा. जैसे ही मोनू ने अपना मोबाइल निकाला, बदमाशों ने पिस्टल निकाल कर मोनू के सीने पर गोली मार दी और वहां से फरार हो गए. मोनू के साथी ने बदमाशों पर हाथ में रखी वस्तु फेंककर मारी, तो बदमाशों ने उस पर भी फायरिंग की और भाग निकले. मौके पर करीब 3 से 4 गोलियां चलीं, जिनमें से दो खोल पुलिस को मिले हैं.
आरोपियों की पहचान और पुलिस की कार्रवाई
इस वारदात को अंजाम देने वाले बदमाशों की पहचान अर्जुन पथरोड़ और पीयूष पथरोड़ के रूप में हुई है. मोनू को गोली लगने के बाद उनके दोस्त उन्हें नजदीकी अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. मिली जानकारी के अनुसार, कुछ महीने पहले मोनू ने अर्जुन को थाने से छुड़वाया था और कुछ दिन पहले उनके बीच कहा-सुनी भी हुई थी. घटना के बाद, मोनू के नाराज परिजनों ने आरोपियों के घर को आग लगा दी. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला.
Read More: Gorakhpur: ‘मृत’ महिला हुई जिन्दा! पति ने पत्नी का शव समझकर कर दिया किसी और का अंतिम संस्कार
भाजपा नेताओं की प्रतिक्रिया
आपको बता दे कि मोनू कल्याणे भाजपा (BJP) नेता कैलाश विजयवर्गीय और आकाश विजयवर्गीय के करीबी माने जाते थे. कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, “मोनू पार्टी का निष्ठावान कार्यकर्ता था और हर साल भगवा यात्रा निकालता था. एक दिन पहले ही उसने मुझे यात्रा का निमंत्रण दिया था. पुलिस प्रशासन को निर्देशित किया गया है कि मामले में आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें.”
Read More: ISRO ने रचा एक और कीर्तिमान,आरएलवी LEX-3 का मिशन हुआ सफल
मौके पर पुलिस बल तैनात
मोनू की हत्या की खबर सुनते ही उनके परिजनों और स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया. स्थिति को काबू में करने के लिए मौके पर 1 डीसीपी, 3 एडिशनल डीसीपी, 3 एसीपी और करीब 6-7 थाना प्रभारी तैनात किए गए. फिलहाल, दोनों आरोपी फरार हैं और उनकी गिरफ्तारी के लिए क्राइम ब्रांच सहित विभिन्न टीमों का गठन किया गया है.
इस घटना ने इंदौर में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं और अपराधियों के बेखौफ होने की पुष्टि की है. पुलिस प्रशासन आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी के प्रयास में जुटा हुआ है.