Uttarakhand News: केदारनाथ से बीजेपी की विधायक शैला रानी रावत का मंगलवार देर रात यहां के मैक्स अस्पताल में निधन हो गया। रावत पिछले कुछ दिनों से अस्पताल में वेंटिलेटर पर थीं। रीढ़ की हड्डी में चोट लगने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
जिसके बाद मंगलवार रात राजधानी देहरादून के मैक्स अस्पताल में अंतिम सांस ली ।वह 68 वर्ष की थीं।परिवार के अनुसार, उनका अंतिम संस्कार गुरुवार सुबह 11:00 बजे गुप्तकाशी के त्रिवेणी घाट पर किया जाएगा।
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सीएम धामी ने जताया दुख
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शैला रानी रावत के निधन पर शोक वयक्त किया है। उन्होंने लिखा, “केदारनाथ विधानसभा से लोकप्रिय विधायक श्रीमती शैला रानी रावत जी के निधन का अत्यंत पीड़ादायक समाचार प्राप्त हुआ। उनका जाना पार्टी और क्षेत्रवासियों के लिये अपूरणीय क्षति है। उनकी कर्तव्यनिष्ठा और जनसेवा के प्रति समर्पण भाव को सदैव याद रखा जाएगा। ईश्वर से दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान एवं शोक संतप्त परिजनों व समर्थकों को यह असीम कष्ट सहने की शक्ति प्रदान करने की कामना करता हूं। ॐ शांति!
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जेपी नड्डा ने भी जताया शोक
वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी रावत के निधन पर शोक जताया है । इस दौरान उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्त शेयर कर लिखा, ‘उत्तराखंड के केदारनाथ से भारतीय जनता पार्टी की विधायक शैला रानी रावत जी के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है. वे सदैव संस्कृति, समाज और क्षेत्र के उत्थान को समर्पित रहीं। शोकाकुल परिजनों के प्रति गहन संवेदना प्रकट करता हूँ, ईश्वर उन्हें संबल प्रदान करे और दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दे.’
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2012 में विधायक चुनी गईं
आपको बता दें कि बीजेपी विधायक रावत इसी साल हुए लोकसभा चुनाव में वो पौड़ी से सांसद चुने गए अनिल बलूनी के प्रचार में एक्टिव रही थीं। उनका राजनीतिक सफर कांग्रेस से शुरू हुआ था। शैला रानी रावत ने 2012 में कांग्रेस के टिकट पर केदारनाथ सीट से चुनाव जीतकर पहली बार उत्तराखंड विधानसभा में जगह बनाई थी। हालांकि, 2017 में रावत चुनाव हार गई थीं। इसके बाद 2022 में वह बीजेपी के टिकट पर एक बार फिर केदारनाथ से विधायक निर्वाचित हुईं। रावत कांग्रेस के उन 10 विधायकों में शामिल थीं, जिन्होंने 2016 में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ बगावत कर दी थी और भाजपा में शामिल हो गए थे