Lucknow News: कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुई दुष्कर्म और हत्या की (Kolkata Rape Case) जघन्य घटना के विरोध में पूरे देश में आक्रोश फैल गया है। मंगलवार को लखनऊ में भाजपा नेता अपर्णा यादव और उनकी मां अंबी बिष्ट ने हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा के पास विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन के दौरान अपर्णा यादव ने पश्चिम बंगाल सरकार की निंदा करते हुए वहां राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की। उनका कहना था कि पश्चिम बंगाल की सरकार आरोपी को बचाने का प्रयास कर रही है और इसलिए वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए।
ममता बनर्जी पर तीखी आलोचना
प्रदर्शन के दौरान अपर्णा यादव ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नीतियों की आलोचना की। उन्होंने कहा कि “हम 21वीं सदी में हैं और ऐसी घटनाएं बेहद दुखद हैं। अगर हमारी पॉलिसी और अप्रोच से ऐसी घटनाएं होती हैं तो यह हमारी नाकामी को दर्शाता है।” उनके आरोप के अनुसार, ममता बनर्जी की सरकार आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रही है, जो कि पूरी तरह अस्वीकार्य है।
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श्रद्धांजलि देने के बाद किया विरोध प्रदर्शन
विरोध प्रदर्शन के दौरान, अपर्णा यादव और उनके समर्थकों ने मृतका को श्रद्धांजलि अर्पित की और “We Want Justice” स्लोगन के तहत नारेबाजी की। प्रदर्शन में शामिल बच्चों और महिलाओं ने निर्भया कांड की याद दिलाते हुए नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया। इस नाटक के माध्यम से दुष्कर्मियों के खिलाफ सख्त कानून बनाने की मांग की गई और ऐसी घटनाओं के पुनरावृत्ति को रोकने के लिए कड़े कानून बनाने का आग्रह किया गया।
प्रदर्शन में जुटे लोग
इस विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता और स्थानीय लोग शामिल हुए। अपर्णा यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में महिलाओं के प्रति जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है। उन्होंने लखनऊ नगर निगम में महिला सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठाए और कहा कि बंगाल जैसी घटनाओं को देखते हुए यहां भी संगठन बनाना पड़ा।
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अपर्णा यादव की मां ने कही ये बात
प्रदर्शन के दौरान अपर्णा यादव और उनकी मां ने स्पष्ट रूप से कहा कि इस घटना के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा और दोषियों को सजा दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के रवैये की आलोचना करते हुए कहा कि ऐसी घटनाओं से निपटने में सरकार की लापरवाही न केवल अन्यायपूर्ण है बल्कि समाज के लिए भी खतरनाक है। यह विरोध प्रदर्शन केवल एक राजनीतिक बयानबाजी नहीं बल्कि महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों के खिलाफ एक मजबूत सामाजिक आह्वान है।
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