UP News: भाजपा (BJP) ने रूठे कार्यकर्ताओं को मनाने के लिए नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों में 2,800 पार्षदों, सभासदों और सदस्यों को नामित करवाने की तैयारी शुरू कर दी है। इस कदम के तहत पार्टी ने प्रदेश के 10 विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उपचुनाव और गन्ना समितियों के चुनाव में अपनी पकड़ मजबूत करने की योजना बनाई है।बुधवार को प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी (Bhupendra Singh Chowdhary) और महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह (Dharampal singh) ने क्षेत्रीय अध्यक्षों और प्रभारियों के साथ पार्टी मुख्यालय में महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में विधानसभा उपचुनाव की तैयारियों के साथ-साथ नगरीय निकायों में पार्षदों, सभासदों और सदस्यों को नामित करने पर चर्चा की गई।
कार्यकर्ताओं के नाम भेजने के निर्देश
बैठक में निर्देश दिए गए कि केवल उन कार्यकर्ताओं के नाम भेजे जाएं, जो जमीनी स्तर पर पार्टी के साथ जुड़े हैं और संगठन के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। साथ ही, नामों के चयन में क्षेत्रीय, सामाजिक और राजनीतिक समीकरणों का भी ध्यान रखने को कहा गया है।
जिलों की कोर टीम के साथ बैठक
क्षेत्रीय अध्यक्षों और प्रभारियों से कहा गया है कि वे नामों का चयन करने से पहले जिलों की कोर टीम के साथ बैठक कर सभी की सहमति से नामों का चयन करें। हर नगर निगम में 10 पार्षद, नगर पालिका में 5 सभासद और पंचायतों में 3 सदस्यों को नामित किया जाना है।
विस्तृत योजना
17 नगर निगमों में 170 पार्षद, 200 नगर पालिकाओं में 1,000 सभासद और 545 पंचायतों में 1,635 सदस्यों को नामित किया जाना है। इसके अलावा, प्रदेश में जल्द ही होने वाले गन्ना समितियों के चुनाव की तैयारियों पर भी चर्चा की गई। क्षेत्रीय अध्यक्षों और प्रभारियों से गन्ना समितियों के सभापति के लिए नाम मांगे गए हैं। सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर ने इसे लेकर अलग से बैठक की। हालांकि, यह महत्वपूर्ण है कि इन नामांकनों में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनी रहे। केवल उन्हीं कार्यकर्ताओं को नामित किया जाना चाहिए, जिन्होंने वास्तव में पार्टी के लिए काम किया है और उसकी नीतियों को आगे बढ़ाया है। अगर नामांकन प्रक्रिया में किसी भी तरह की धांधली होती है, तो यह पार्टी के लिए घातक साबित हो सकता है।
एकता को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास
भाजपा का यह कदम पार्टी के भीतर संगठनात्मक एकता को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। पार्टी के कार्यकर्ताओं को संतुष्ट करना और उन्हें संगठन के कामों में सक्रिय रूप से शामिल करना किसी भी राजनीतिक दल के लिए जरूरी होता है। 2,800 पार्षदों और सदस्यों को नामित करना, न केवल कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाएगा बल्कि पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूती प्रदान करेगा।
विधानसभा उपचुनाव और गन्ना समितियों के चुनाव की तैयारी के लिए इस तरह का आयोजन, भाजपा की रणनीतिक सोच को दर्शाता है। यह दर्शाता है कि पार्टी केवल सत्ता में बने रहने के लिए ही नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर भी अपनी पकड़ को मजबूत करने के लिए काम कर रही है। कुल मिलाकर, भाजपा की यह पहल संगठन को और भी मजबूत बनाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। इससे न केवल पार्टी के कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा, बल्कि चुनावी तैयारियों में भी पार्टी को लाभ मिलेगा। उम्मीद है कि यह प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी रहेगी और इससे पार्टी की छवि और भी मजबूत होगी।