UP MLC Election: भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने समाजवादी पार्टी के नेता और विधान परिषद की सदस्यता से त्यागपत्र देने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) की रिक्त सीट के उपचुनाव की घोषणा कर दी है. यह सीट विधानसभा क्षेत्र कोटे की है, जिसमें केवल विधानसभा के सदस्य ही वोट डालते हैं. वर्तमान संख्या बल के आधार पर यह सीट भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खाते में जाना तय है. भाजपा (BJP) के पास अकेले 249 विधायक हैं जबकि समाजवादी पार्टी (SP) के पास 104 विधायक हैं.
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बीजेपी ने बहोरन मौर्य को बनाया उम्मीदवार
बरेली की भोजीपुरा सीट से 2017 में विधायक निर्वाचित हुए राम बहोरन मौर्य (Ram Bahoran Maurya) को बीजेपी ने एमएलसी की सीट के लिए उम्मीदवार बनाया है. हालांकि, 2022 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. अब बीजेपी ने उन्हें एमएलसी की सीट के लिए उम्मीदवार घोषित किया है. बता दे कि एमएलसी इस सीट पर चुनाव के लिए तारीख भी घोषित हो चुकी है. बीजेपी ने बहोरन मौर्य (Ram Bahoran Maurya) को उम्मीदवार घोषित किया है. यह सीट विधानसभा क्षेत्र कोटे की है, जिसमें विधानसभा के सदस्य ही वोट डालते हैं.
उपचुनाव का कार्यक्रम
- 25 जून: नामांकन शुरू होंगे
- 02 जुलाई: नामांकन पत्र भरने की अंतिम तिथि
- 03 जुलाई: नामांकन पत्रों की जांच
- 05 जुलाई: नाम वापस लेने की अंतिम तिथि
- 12 जुलाई: मतदान सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक
- 12 जुलाई शाम पांच बजे: मतगणना
बीजेपी की संभावित जीत
दरअसल, संख्या बल के हिसाब से देखें तो यह सीट बीजेपी (BJP) के खाते में जा सकती है. मौजूदा विधानसभा में बीजेपी के पास पूर्ण बहुमत है, जहां उनके पास अकेले 249 विधायक हैं जबकि सपा के पास केवल 104 ही हैं. इस स्थिति में एमएलसी के इस उपचुनाव में बीजेपी की जीत तय मानी जा रही है.
सपा की रणनीति
नामांकन की आखिरी तारीख 2 जुलाई होने के बाद समाजवादी पार्टी ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं. इसके पीछे एक वजह यह भी हो सकती है कि शायद सपा यह जानती है कि सीट बीजेपी के खाते में जा सकती है, ऐसे में बेवजह हार का ठिकरा अपने ऊपर क्यों लें. ऐसी संभावना है कि सपा इस चुनाव में अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी. यदि ऐसा होता है तो भाजपा (BJP) के प्रत्याशी का निर्विरोध निर्वाचन संभव है.
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स्वामी प्रसाद मौर्य का इस्तीफा
आपको बता दे कि इसी साल फरवरी में स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने सपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. इसके साथ-साथ उन्होंने विधान परिषद की सदस्यता भी छोड़ दी थी. इस्तीफे के बाद मौर्य ने कहा था कि अखिलेश यादव जी से उनका वैचारिक मतभेद है, मनभेद नहीं.
स्वामी प्रसाद मौर्य का नया राजनीतिक कदम
फरवरी में इस्तीफे के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने ‘राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी’ नाम की अपनी पार्टी भी बना ली. उन्होंने कहा था कि वो बीजेपी को केंद्र से हटाने के लिए इंडिया गठबंधन को मजबूत करेंगे.
कौन है बहोरन लाल मौर्य?
बहोरन लाल मौर्य (Ram Bahoran Maurya) बरेली की भोजीपुरा सीट (Bhojipura seat) से विधायक रह चुके हैं. 2022 में भाजपा ने उन्हें फिर से उम्मीदवार बनाया था, लेकिन वे चुनाव हार गए। सपा के शहजिल इस्लाम ने उन्हें हराया. कहा जा रहा है कि भाजपा मौर्य को टिकट देकर अखिलेश यादव के पीडीए अभियान का जवाब देना चाहती है.