Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के रण में इस समय राजनीतिक दलों के बीच खूब गर्मा-गर्मी देखने को मिल रही है. पहले चरण के मतदान 19 अप्रैल को हो गए है. पहल चरण के मतदान में 64 फीसदी वोटिंग हुई. ऐसा कहा जा रहा है वोटरों में सरकार के प्रति उत्साह नहीं है,उदासीनता है. कम मतदान होने की वजह से सभी दलों में खलबली मची हुई है. इसी बीच राजनीतिक गलियारों में एक नया मुद्दा उभर कर सामने आया है. सूरज से भाजपा उम्मीदवार मुकेश दलाल निर्विरोध जीत विवादों में इस समय घिरे हुए है.
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मुकेश दलाल निर्विरोध चुने गए
दरअसल, यहां से कांग्रेस के उम्मीदवार का नामंकन रद्द होन के बाद बाकी बचे 8 उम्मीदवारों के अपनी उम्मीदवारी वापिस लेने के बाद मुकेश दलाल निर्विरोध चुन लिए गए थे. अब इस मामले में कांग्रेस ने चुनाव आयोग में शिकायत की है. कांग्रेन से आरोप लगाया है कि मुकेश दलाल को अनुसूचित प्रभाव के जरिए विजेजा घोषित किया गया है. पार्टी ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये लोग कारोबारी समुदाय से डरे हुए थे, जिसकी वजह से इन लोगों ने मैच फिक्सिंग का गेम खेला है.
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चुनाव आयुक्तों से मिलने के बाद क्या बोले अभिषेक मनु सिंघवी ?
आपको बता दे कि, कांग्रेस नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों से मुलाकात की और मांग की कि सूरत में चुनाव प्रक्रिया दोबारा कराई जाए. कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने चुनाव आयुक्तों से मिलने के बाद कहा कि हमने चुनाव आयोग से आग्रह किया है कि सूरत सीट पर चुनाव को स्थगित किया जाए और जल्द से जल्द दोबारा चुनाव कराए जाएं ताकि एक स्पष्ट संदेश जा सके कि आप इस तरह से गलत प्रभाव डालकर लाभ नहीं उठा सकते. उन्होंने आरोप लगाया कि ये ऐसा मामला नहीं है, जहां मामले पर चुनावी याचिका से फैसला होगा.
चुनाव कराने की जरूरत ही क्या है?
इसी कड़ी में उन्होंने आगे कहा कि, ये कोई ऐसा मामला नहीं है, जहां मामले पर चुनाव याचिका के जरिए फैसला होगा. सिंघवी ने कहा कि सूरत में चार प्रस्तावकों ने कांग्रेस उम्मीदवार को नॉमिनेट किया था. लेकिन अचानक चारों ने अपने हस्ताक्षरों को झुठला दिया. चारों ने इकट्ठे. ये कोई संयोग नहीं है. हमारा उम्मीदवार कई घंटों तक गुमशुदा था और जब तक वह सामने आए. हमें पता चला कि अन्य सभी उम्मीदवारों ने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली. हमारे उम्मीदवार का नामांकन खारिज कर दिया गया. उन्होंने कहा कि अगर आप नहीं चाहते कि इस देश में चुनाव नहीं हो और आप चाहते हैं कि सूरत की सीट प्लेट में सजाकर दे दी जाए तो चुनाव कराने की जरूरत ही क्या है?
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