छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ में चुनाव के पहले बीजेपी (BJP)आक्रामक मोड में आ गई है। प्रदेश में भूपेश सरकार पर ” गौठान योजना (गोबर घोटला) ” को लेकर भाजपा ने बड़ा भृष्टाचार का आरोप लगाया है। इसकी तुलना बिहार के चर्चित चारा घोटाले से की जा रही है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने गौठानों के नाम पर 1300 करोड़ रुपए के भारी दुरुपयोग और घोटाले का आरोप प्रदेश सरकार पर लगाया।
इसके साथ ही भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने मनरेगा के 14वें वित्त आयोग 15वें वित्त आयोग डीएमएफ और अन्य की राशि गौठानों पर खर्च की है। उन्होंने कहा कि मनरेगा की राशि गौठानों में खर्च की गई है। गोधन न्याय योजना 2020 में भूपेश बघेल सरकार द्वारा शुरू की गई थी।
भाजपा नेताओं ने CBI जांच की मांग
भाजपा नेताओं ने मांग की है कि बिहार के चारा घोटाले की तर्ज पर ही छत्तीसगढ मे गौठान घोटाला (गोबर घोटला) की जांच सीबीआई से कराई जाए। CBI को इस संबंध में पत्र भेजा जा रहा है। भाजपा की ओर से कहा गया- हाल ही में 269 करोड़ रुपए के तो केवल गोबर घोटाले का खुलासा हुआ है। राज्य के 3 हजार 948 गौठान का निरीक्षण किया गया था। इन गौठानों में कहीं भी गाय नहीं है। राज्य के 80 फीसदी गौठानों में गाय नहीं रहती है। प्रदेश सरकार इन गौठानों पर हर महीने एक गौठानों पर10 हजार रुपये खर्च करती है। कांग्रेसी गौठानों के इस पैसो का बंदरबाट कर रहे है। इसलिए बीजेपी की मांग है कि बिहार के चारा घोटाले की तर्ज पर ही इस गौठान घोटाले की जांच सीबीआई से कराई जाए। प्रदेश सरकार इस आरोप का जवाब तक विधानसभा में नहीं दे पाई है। कांग्रेस ने गंगाजल को हाथ में लेकर कसम खाई थी, पर उसकी प्रदेश सरकार ने न गंगा माता को छोड़ा और न गौमाता को छोड़ा।
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने घेरा कांग्रेस सरकार को
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कांग्रेस सरकार का निशाना साधते हुए कहा कि- केंद्र सरकार द्वारा गांवों के विकास के लिए भेजी गई राशि में कांग्रेस की भूपेश सरकार ने गौठानों (गोबर घोटाला) के नाम पर भारी भ्रष्टाचार किया है। प्रदेश सरकार ने दो रुपये किलो की दर से गोबर खरीदकर उसे 10 रुपये प्रति किलो की दर से घटिया वर्मी कंपोस्ट के नाम पर किसानों के हाथों बेचा गया। उन्होंने कहा कि विभिन्न मदों में पंचायतों के विकास के लिए आई धन राशि सरपंचों से छीनकर अनेक बहानों से उसकी बंदरबांट कर ली गई है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि अक्टूबर माह 2022 में सिर्फ तीन गौठानों में 150 गायों ने भूख, प्यास और घुटन के चलते दम तोड़ा दिया था।
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प्रदेश में कितने गौठानों , कितना खर्च
विधानसभा में रेणू जोगी की ओर से सवाल पूंछा गया था कि प्रदेश भर में कितने गौठाने है। और इन गौठानों पर कितना खर्च हो रहा है। रेणु जोगी के सवाल का सरकार ने जवाब दिया है कि प्रदेश में 10240 गौठान का निर्माण किया गया है। जिसमें कुल 1334 करोड़ 65 लख रुपए खर्च किए गए हैं। गौठानों में चरवाहों की संख्या 9303 है। प्रदेश में 3380 लावारिस गायों को गौठानों में रखा गया है।
रोका-छेका के नामपर करोड़ों रुपए किए खर्च
बीजेपी के बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि यह विधानसभा में दिए गए आंकडे़ है। मैं भूपेश सरकार से पूंछना चाहता हूं कि – जो प्रदेश में गौठाने बने है वो गायों के लिए है , कि जनता के लिए है या फिर कांग्रेस नेताओं के घोटलों के लिए है। गौठानों के नाम पर पूरे प्रदेश में रोका- छेका के नाम पर करोड़ो रुपये खर्च किया है। रोका – छेका का जानवरों के द्वारा मानव को सड़कों पर रोकने के लिए या अभियान जानवरों को सड़कों पर रोकने के लिए है
भाजपा के बयान पर कांग्रेस ने किया पलटवार
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव के बयान के बाद कांग्रेस ने पलटवार करते हुए भाजपा के आरोपों को गलत बताते हुए शनिवार देर शाम एक एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। इसमें कांग्रेस ने बीजेपी को मुद्दाविहीन बताया और कहा कि बीजेपी राज्य सरकार के जनहित के कामों का विरोध नहीं कर पा रही है, तो सफल योजनाओं में झूठे आरोप लगाकर अपनी भड़ास निकाल रही है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार के खिलाफ भाजपा के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है।