Rahul Gandhi: लोकसभा चुनाव 2024 में राहुल गांधी ने वायनाड और रायबरेली दोनों सीटों पर बड़ी जीत हासिल की है. रायबरेली में राहुल गांधी ने 3.9 लाख वोटों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की. उन्होंने कुल 6,87,649 वोट हासिल किए. रायबरेली सीट पहले उनकी मां सोनिया गांधी के पास थी, जिन्होंने 2004 से 2019 तक इस सीट का प्रतिनिधित्व किया था. वायनाड, केरल में राहुल गांधी ने 6,47,445 वोटों से जीत हासिल की. इनकी जीत के बात राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा तेज हो गई थी कि राहुल गांधी कौन सीट छोड़ेंगे. इन चर्चाओं पर बीते दिन विराम लग गया और ये साफ हो गया कि वे वायनाड सीट छोड़ रहे है. अब इसको लेकर बीजेपी ने कांग्रेस पर तंज कसा है.
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‘परिवारवाद की राजनीति’ का लगाया आरोप
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कांग्रेस पर ‘परिवारवाद की राजनीति’ करने का आरोप लगाया है. यह आरोप कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा रायबरेली सीट को बरकरार रखने और केरल की वायनाड सीट से प्रियंका गांधी वाड्रा को उपचुनाव के लिए उम्मीदवार बनाए जाने के फैसले के बाद आया है. भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहज़ाद पूनावाला ने कहा, “राहुल गांधी के वायनाड सीट छोड़ने और उनकी बहन के वहां से चुनाव लड़ने के फैसले के बाद आज यह स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस कोई राजनीतिक दल नहीं बल्कि परिवार की एक कंपनी है.” उन्होंने कहा, “मां (सोनिया गांधी) राज्यसभा में होंगी, पुत्र (राहुल गांधी) लोकसभा में एक सीट (रायबरेली) से और प्रियंका भी दूसरी (वायनाड) सीट से लोकसभा में होंगी. यह परिवारवाद का प्रतीक है.”
शहजाद पूनवाला ने कांग्रेस पर कसा तंज
भाजपा की यह प्रतिक्रिया कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बयान के बाद सामने आई है. खरगे ने कहा था कि राहुल उत्तर प्रदेश में रायबरेली लोकसभा सीट को बरकरार रखेंगे और केरल में वायनाड सीट खाली करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि वायनाड से उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा चुनाव लड़ेंगी. पूनावाला ने वायनाड सीट खाली करने के राहुल गांधी के निर्णय को निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के साथ ‘विश्वासघात’ करार दिया और आरोप लगाया कि इस निर्णय से यह स्पष्ट हो जाता है कि गांधी परिवार की ‘राजनीतिक विरासत’ बेटे के साथ रहेगी. उन्होंने आरोप लगाया, “इससे पता चलता है कि बेटे और बेटी के बीच पहले कौन है.”
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पूनावाला ने किया बड़ा दावा
बताते चले कि पूनावाला ने दावा किया कि गांधी ने रायबरेली सीट इसलिए नहीं छोड़ने का फैसला किया क्योंकि उन्हें पता है कि अगर वह ऐसा करते हैं तो उपचुनाव में यह सीट भाजपा की झोली में चली जाएगी. उन्होंने कहा कि गांधी ने समाजवादी पार्टी के समर्थन के कारण रायबरेली सीट जीती. उन्होंने दावा किया, “चुनाव के तत्काल बाद इस सीट पर भाजपा एक बार फिर मजबूत हो गई.” भाजपा के टिकट पर वायनाड से चुनाव लड़ चुके के. सुरेंद्रन को उपचुनाव में इस सीट से प्रियंका गांधी के खिलाफ भाजपा के मैदान में उतारने की संभावना है.