Kedarnath Agarwal: सबसे जानी मानी कंपनी Bikanerwala के संस्थापक लाला केदारनाथ अग्रवाल का 86 साल की उम्र में निधन हो गया हैं। केदारनाथ अग्रवाल काकाजी के नाम से जाने जाते थे। पुरानी दिल्ली की सड़को पर उन्होंने रसगुल्ले और भुजिया बेचे हैं। केदारनाथ अग्रवाल ने अपनी मेहनत से अपना नाम रौशन किया हैं।
read more: बिजली संकट से परेशान ग्रामीणों ने डीएम कार्यालय का किया घेराव..
विदेशों में भी इसकी दुकानें
आपको बता दे कि पूरे भारत में लगभग 1500 से भी ज्यादा Bikaner के स्टोर हैं। भारत के अलावा विदेशों में भी इसकी दुकानें हैं। अमेरिका, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, नेपाल और संयुक्त अरब जैसे देस भी इसमें मौजूद हैं। Bikaner ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर श्याम सुंदर अग्रवाल ने कहा, काकाजी का जाना सिर्फ बीकानेरवाला के लिए क्षति नहीं है, यह पाककला परिदृश्य में एक शून्य है। उनकी दूरदर्शिता और नेतृत्व हमेशा हमारी खानपान यात्रा का मार्गदर्शन करेगा।
देसी घी के हलवे को लोगों ने खूब पसंद किया
Bikanerwala के शुद्ध देसी घी के हलवे को लोगों ने खूब पसंद किया। जिसको लेकर केदारनाथ अग्रवाल ने बताया था कि फिर मोती बाजार, चांदनी चौक में ही एक दुकान किराए पर मिल गई। लेकिन उसी समय दिवाली आ गई। जिसकी वजह से मिठाई और नमकीन की खूब बिक्री हुई। हालत यह हो गई थी कि रसगुल्लों की तो हमें राशनिंग यानी लिमिट तक तय करनी पड़ी। एक बार में एक शख्स को 10 से ज्यादा रसगुल्ले नहीं बेचे जाते थे. ग्राहकों की लाइनें लग जाती थी।
अपने सफर की शुरुआत दिल्ली से की
अपने व्यावसायिक सफर के बारें में उन्होंने बताते हुए कहा था कि सबसे पहले उन्होंने अपने सफर की शुरुआत दिल्ली से की थी। केदारनाथ अग्रवाल बीकानेर के रहने वाले थे। उनके परिवार के पास साल 1905 से शहर की गलियों में एक मिठाई की दुकान थी। जिसका नाम बीकानेर नमकीन भंडार था और वह कुछ प्रकार की मिठाइयां और नमकीन बेचते थे। अग्रवाल बड़ी महत्वाकांक्षाओं के साथ 1950 के दशक की शुरुआत में अपने भाई सत्यनारायण अग्रवाल के साथ दिल्ली आ गए। वह अपने परिवार का नुस्खा लेकर आए थे।
पहला ठिकाना साल 1956 में नई सड़क पर हुआ
दरअसल, बीकानेरवाला का दिल्ली में सबसे पहला ठिकाना साल 1956 में नई सड़क पर हुआ था। साल 1962 में मोती बाजार में एक दुकान खरीदी। जिसके बाद करोल बाग में 1972-73 में वह दुकान खरीदी, जो अब देश-दुनिया में बीकानेरवाला की सबसे पुरानी दुकान के रूप में पहचानी जाती है। आज भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में कंपनी का बिजनस फैला है।
read more: पुलिस अधीक्षक ने अनाथ आश्रम और बस्तियों में जाकर बच्चों के संग मनाई दिवाली..
केदारनाथ अग्रवाल ने बताया था
बीकानेरवाला के संस्थापक केदारनाथ अग्रवाल ने बताया था कि शुरू में ट्रेड मार्क था BBB यानी बीकानेरी भुजिया भंडार लेकिन कुछ ही दिनों बाद सबसे बड़े भाई जुगल किशोर अग्रवाल दिल्ली आए तो उन्होंने कहा कि यह क्या नाम रखा है। हमने तो तुम्हें यहां बीकानेर का नाम रोशन करने के लिए भेजा था। इसके बाद नाम रखा गया ‘बीकानेरवाला’ और 1956 से आज तक ‘बीकानेरवाला’ ही ट्रेड मार्क बना हुआ है. काका जी के परिवार में तीन बेटे और तीन बेटियां हैं। सब शादीशुदा हैं और सबके बच्चे हैं। बेटों में सबसे बड़े राधेमोहन अग्रवाल, दूसरे नंबर पर नवरत्न अग्रवाल और तीसरे नंबर पर रमेश अग्रवाल हैं। सभी इसी बिजनस में लगे हुए हैं।