बिहार संवाददाता : Virendr Kumar
Bihar : बीते माह पूर्व बिहार शरीफ सदर अस्पताल में सांसद कौशलेंद्र कुमार और मंत्री श्रवण कुमार के द्वारा लाखों रुपए की लागत से निर्मित लिफ्ट का उद्घाटन किया गया था। लेकिन उद्घाटन के कुछ दिनों बाद ही लिफ्ट खराब पड़ गई। इस कारण मरीजों को ऊपर जाने के लिए सीढ़ियों का इस्तेमाल करना पड़ रहा है, जो उनके लिए मुश्किल भरा है।अस्पताल के कई वार्ड जर्जर हालत में हैं।मरीजों की सुरक्षा को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।अस्पताल में साफ-सफाई व्यवस्था भी बदतर है। वार्डों में गंदगी और बदबू फैली हुई है। मरीजों को इलाज के दौरान कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।प्रसव वार्ड में मरीज के परिजनों से सफाई कर्मियों द्वारा पैसे की उगाही की जा रही है।
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लाखों रूपये सदर अस्पताल में हुए बर्बाद..
बीते माह पूर्व सदर अस्पताल बिहारशरीफ में मंत्री श्रवण कुमार व सांसद कौशलेंद्र कुमार के द्वारा लाखो रुपए की लागत से निर्मित लिफ्ट का उद्घाटन किया गया।लेकिन उद्घाटन के कुछ दिनों बाद ही लिफ्ट अस्पताल में शोभा की वस्तु बन कर रही गई है। रोजाना मरीज अस्पताल की लचर व्यवस्था से परेशान हो रहे हैं। लिफ्ट की समस्या को लेकर अस्पताल में आए मरीज के परिजन शशि कुमार पांडे ने कहा की सांसद द्वारा लगाएं गए लिफ्ट के ऊपर सूचना चिपकाया गया है जिसमे लिखा है की कृपया लाचार मरीज के लिए उपयोग करें।
लेकिन जब लिफ्ट ही खराब हो तो कैसे उपयोग करें। अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से मरीज व उनके परिजन गुमराह हो रहे है परेशान हो रहे हैं। ऐसी लिफ्ट जो काम ही नहीं कर रहा हो उसे लाचार मरीज तो क्या स्वस्थ इंसान भी उपयोग नहीं कर सकता है। करोड़ों के बिल्डिंग में लाखों रुपए की लिफ्ट सिर्फ शोभा की वस्तु बन कर रह गई है।
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टूट कर गिरा टाइल्स बाल बाल बचे परिजन
अस्पताल में लाखों करोड़ो रुपए जरूर लगे हो लेकिन पूरा सदर अस्पताल भगवान भरोसे है। भवन में कई वार्ड जर्जर हालात में है जिस वजह से बीती रात मरीज के परिजन जख्मी होने से बाल बाल बच गए। घटना को लेकर मरीज के परिजन अनिता कुमारी ने बताया की वो अपने मरीज का प्रसव करवाने आई हुई है। अस्पताल सुविधाओं पर आपत्ति जताते हुए कहा की इस अस्पताल स्वजन तो दूर मरीज की जान भी खतरे में है। मैं प्रसव वार्ड में सोई हुई थी तभी दीवार से टाइल्स टूट कर गिर गया गनीमत ये रही की मैं एक हाथ दूरी पर लेटी थी नही तो ये टाइल्स मेरे ऊपर गिरता और मैं घायल हो सकती थी या मेरी जान भी जा सकती थी।
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अधीक्षक कर रहे नजरंदाज..
सदर अस्पताल बिहारशरीफ में कोई भी मरीज अगर इलाज के लिए आता है तो इस उम्मीद से आता है की अब सरकारी स्वास्थ विभाग का चेहरा बदल गया है पहले जैसी बात नही रही। लेकिन जब वो अस्पताल में इलाज करवाने आए तो उनकी सोच गलत साबित हुई। अस्पताल की कुव्यवस्था पर उन्होंने अस्पताल अधीक्षक से भी शिकायत किया लेकिन उन्होंने नजरंदाज कर दिया। प्रसव वार्ड में आए एक मरीज के परिजन शिशुपाल कुमार ने कहा की देकपूरा गांव से अपने मरीज का इलाज करवाने आए है साफ सफाई व्यवस्था व अस्पताल प्रबंधन लापरवाही अब बर्दाश्त से ऊपर हो चुका है।
वार्ड में साफ सफाई बिलकुल नहीं है चारो तरफ गंदगी फैला हुआ है। धूल मिट्टी से पूरा वार्ड भरा हुआ है। इसको लेकर अस्पताल कर्मियों से कई बार शिकायत किया मैंने लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। यहां तक अस्पताल अधीक्षक और सिविल सर्जन को भी इसकी शिकयत किया लेकिन उन्होंने भी एक बार आ कर समस्या को देखना व सुनना सही नही समझा। अस्पताल कर्मचारी तो ऐसे लापरवाह है स्लायिग की बॉटल खत्म हो जाए तो चार बार बोलने पर कंपाउंडर इसे देखने आता है।इस गर्मी में वार्ड में पंखा तो है लेकिन वो भी सिर्फ धूल फांक रही शोभा की वस्तु बन कर रह गया है।
डॉक्टर की खोज में परेशान हुई बुखार मरीज..
बुखार का इलाज करवाने आई मरीज के परिजन ने बताया की मेरे मरीज की हालत गंभीर है ऐसे में कोई बोलता है उपर जाइए, वहां जाइए कोई सही बता नही रहा न डॉक्टर का पता चल पा रहा है की इस अस्पताल में डॉक्टर कहां पर रहते है। मैं वृद्धा अवस्था में अपने मरीज को लेकर कहां जाऊं परेशान हो गई हूं यहां आकर।
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साफ सफाई और बेड उपलब्धता के..
प्रसव वार्ड में मरीज के परिजनों से अस्पताल में मौजूद सफाई कर्मियों द्वारा वार्ड के साफ सफाई के लिए पैसे की खुलेआम उगाही की जा रही है और अस्पताल प्रबंधन मौन है। मरीज के परिजन ने बताया की उनसे सफाई कर्मी द्वारा पैसे मांगा गया है और उन्हें मजबूरन पैसा देना भी पड़ा है। साथ ही एक घंटा भर पहले मेरे मरीज का ऑपरेशन हुआ जिसके बाद स्वास्थकर्मी द्वारा स्लाइंग लगा कर चले गए है लेकिन स्लाइंग चालू नही हुआ है।
इस समस्या को लेकर 10 बार जा चुके नर्स के पास नीचे वाले ऊपर भेजते है और ऊपर वाले नीचे भेजते है लेकिन घंटे भर बाद भी कोई नही आया और तो वार्ड में बेड खाली है उसके बावजूद मुझे जनरल वार्ड में डाला गया जब मैंने बोला की उधर शिफ्ट कर दीजिए तो कहा गया की पैसा दीजिए फिर उधर शिफ्ट कर देंगे। बेड के लिए सफाई कर्मी का कहना है 200 रूपये दीजिए आपको बढ़िया बेड दे देंगे। और जब किसी अस्पताल कर्मचारी से इस बारे में मैने बताया तो कहते है आप सफाई कर्मी से मिलिए वही बेड उपलब्ध करवाएंगे।
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क्या कहते हैं अधिकारी
वहीं इन सभी मामले को लेकर सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ कुमकुम कुमारी ने कहा की मुझे जानकारी प्राप्त हुई इस सभी समस्याओं को लेकर जांच किया जा रहा है पैसे उगाही को लेकर जो भी दोषी होंगे उन पर कारवाई की जायेगी। और साफ़ सफाई के लिए ध्यान दिया जा रहा कर्मियों को सख्त निर्देश दिए गए है इसके लिए की कहीं भी परिसर में गंदगी न रहें।