Bihar Paper Leak Law: बिहार सरकार ने पेपर लीक के खिलाफ सख्त कदम उठाने का फैसला किया है, जिसका प्रावधान ‘बिहार लोक परीक्षा (अनुचित साधन निवारण) विधेयक 2024’ में किया गया है। इसके अनुसार, परीक्षा में पेपर लीक होने पर दोषी पाए जाने पर 3 से 10 साल की सजा और 10 लाख से 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। यह कदम सभी स्टूडेंट्स और टीचर्स को अपने दायित्वों के प्रति जिम्मेदार बनाने की दिशा में है।
विधेयक को बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन, यानी 24 जुलाई को पेश किया जाएगा।इस नए कानून के अंतर्गत, पेपर लीक के मामलों में संज्ञान में लिए गए अभियान्ता और अन्य संबंधित व्यक्तियों पर बड़ी सजा और भारी जुर्माने का डर होगा। यह सावधानी का संकेत देता है कि सरकार परीक्षा प्रणाली में स्वचालितता और निष्पक्षता बढ़ाने के लिए निरंतर कदम उठा रही है।
सोमवार को पेश किया गया था नए कानून का ड्राफ्ट
दरअसल, बिहार सरकार ने सोमवार को इस नए कानून का ड्राफ्ट विधानसभा में पेश किया था। इस कानून का नाम ‘बिहार लोक परीक्षा (अनुचित साधन निवारण) विधेयक 2024’ है। केंद्र सरकार पहले ही ऐसा कानून बना चुकी है और राज्यों से भी इसे लागू करने को कहा है। इस बिल के मुताबिक, अगर कोई भी व्यक्ति परीक्षा में गड़बड़ी करते हुए पकड़ा जाता है तो उसे कम से कम 3 साल और अधिक से अधिक 5 साल की जेल हो सकती है। साथ ही, उस पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
“RJD को जनकल्याण से कोई मतलब नहीं “
इस बीच बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बिहार विधानसभा में आज पेपर लीक विरोधी विधेयक पारित होने पर विपक्ष के वॉकआउट करने पर कहा, “…मैं मुख्यमंत्री का इस कानून के लिए धन्यवाद करता हूं, इसके तहत परीक्षा में किसी भी तरह की गड़बड़ी करने पर, नकल करने और अव्यवस्था पर कठोर कार्रवाई की जाएगी… उन्हें(RJD) जनकल्याण से कोई मतलब नहीं है… जब यह कानून पारित हो रहा था तब महागठबंधन के लोग बाहर थे…”
बिहार में पेपर लीक विरोधी कानून पास
वहीं बिहार सरकार में मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बिहार विधानसभा में आज पेपर लीक विरोधी विधेयक पारित होने पर कहा, “बिहार सरकार ने पेपर लीक के खिलाफ सख्त कानून बनाया है… इस कानून से परीक्षार्थियों और छात्रों का भविष्य सुरक्षित होगा। इस कानून में अपराधियों के लिए 10 साल की सजा और कम से कम 1 करोड़ रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।”
Read more :खत्म होती नहीं दिख रही तकरार डिप्टी CM केशव मौर्य और OP Rajbhar की मुलाकात से बढ़ा सियासी पारा
“अच्छे कामों का विरोध दुर्भाग्यपूर्ण”
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बिहार विधानसभा में आज पेपर लीक विरोधी विधेयक पारित होने पर विपक्ष के वॉकआउट करने पर कहा, “विपक्ष की परिभाषा आजकल बदल गई है। जहां राहुल गांधी केंद्र में विपक्ष में हों, RJD विपक्ष में हों वहां विपक्ष की परिभाषा बदलकर यह हो गई है कि सरकार अच्छे काम भी करे तब भी वॉकआउट करो। अगर पेपर लीक विरोधी विधेयक पर भी कोई वॉकआउट करे तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है…”
केंद्र सरकार पहले ही बना चुकी है कानून
वहीं पेपर लीक के मामले पर केंद्र सरकार पहले ही कानून बना चुकी है। केंद्र ने राज्यों से भी इस कानून को लागू करने का अनुरोध किया था। जून 2024 में पारित इस कानून के अनुसार, पेपर लीक या आंसर शीट से छेड़छाड़ के मामले में दोषी पाए जाने पर 3 से 5 साल की सजा का प्रावधान है। साथ ही 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. ये मामले गैर-जमानती होंगे।