Bihar News: बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और राजद नेता तेजस्वी यादव ने 14 अप्रैल को बिहार के प्रसिद्ध त्योहार सत्तुआनी के मौके पर राघोपुर विधानसभा क्षेत्र के एक दलित कार्यकर्ता के घर पहुंचकर ‘सत्तू’ खाया। इस अवसर पर तेजस्वी यादव ने इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर किया, जिसमें वे दलित कार्यकर्ता के घर पर सत्तू खाते हुए नजर आ रहे थे। हालांकि, उनके इस कदम पर विपक्षी दलों ने सवाल उठाए हैं।
तेजस्वी यादव ने सत्तू खाने का बताया कारण
तेजस्वी यादव ने सत्तू खाने के बाद कहा, “आज सत्तुआनी है और बिहार में इस दिन सत्तू खाने की परंपरा है। आज ही के दिन अंबेडकर जयंती भी मनाई जा रही है। हम राघोपुर के रामपुर पंचायत में अंबेडकर जयंती मना रहे हैं और अब हम लालनदेव दास जी के घर पर सत्तू खा रहे हैं। मेरे पिता (लालू प्रसाद यादव) मुझे बचपन में सत्तू खिलाया करते थे।” तेजस्वी यादव का यह बयान उनके परिवार की सांस्कृतिक परंपराओं को संदर्भित करता है और उन्होंने इसे एक सम्मानजनक कदम बताया।
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल
तेजस्वी यादव ने सत्तू खाने के बाद इसका वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया। वीडियो में तेजस्वी ने लिखा, “आज सत्तुआनी है, और इस दिन लोग गंगा नदी में स्नान करके सत्तू, गुड़, कच्चा आम के टिकोरे और अन्य गरीब असहाय लोगों को दान करते हैं। घर में इस दिन पूजा होती है और लोग खासतौर पर सत्तू खाते हैं।” तेजस्वी ने यह वीडियो साझा कर बिहारवासियों को सत्तुआनी की शुभकामनाएं दी। हालांकि, इस वीडियो पर विपक्षी दलों ने सवाल उठाए हैं, खासकर जेडीयू के नेताओं ने तेजस्वी की इस परंपरा को लेकर आलोचना की है।
विपक्षी दलों का आरोप
विपक्षी दलों, विशेष रूप से जेडीयू के नेताओं ने तेजस्वी यादव पर दलित प्रेम का दिखावा करने का आरोप लगाया है। जेडीयू के प्रवक्ता अरविंद निषाद ने कहा कि तेजस्वी यादव दलित के घर जाकर सत्तू तो खा रहे हैं, लेकिन उसी दलित के घर का पानी पीना उन्हें मुनासिब नहीं समझा। दरअसल, जब तेजस्वी सत्तू खा रहे थे, तब उन्होंने सत्तू सानने के लिए मिनरल वाटर का इस्तेमाल किया। इसके बाद उन्होंने मिनरल वाटर पिया और दलित के घर का पानी नहीं पिया। अरविंद निषाद ने तेजस्वी के इस कदम पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सिर्फ दिखावा था और उनका दलित प्रेम सिर्फ एक राजनीतिक चाल है।
तेजस्वी यादव पर राजनीति का आरोप
तेजस्वी यादव के इस कदम पर राजनीतिक गलियारों में तीखी बहस छिड़ गई है। विपक्षी दलों का कहना है कि यह पूरी घटना सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए की गई थी, ताकि यादव समाज और दलित समुदाय के बीच अपने समर्थन को मजबूत किया जा सके। जेडीयू के नेता अरविंद निषाद ने कहा कि अगर तेजस्वी सच में दलितों के साथ हैं, तो उन्हें सिर्फ सत्तू खाने के बजाय उनके जीवन स्तर को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।
तेजस्वी यादव ने विपक्षी आरोपों पर दी सफाई
तेजस्वी यादव ने विपक्ष के आरोपों पर सफाई दी है। उन्होंने कहा, “मैंने सत्तू खाने की कोई राजनीति नहीं की है। यह हमारी परंपरा है और मैं अपने परिवार की इस परंपरा को सम्मान दे रहा हूं। मैं लोगों की भावनाओं का आदर करता हूं, और मेरे द्वारा खाया गया सत्तू सिर्फ एक त्योहार का हिस्सा था।”
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