Bihar News: केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने हाल ही में केंद्र सरकार के कई अहम फैसलों पर सवाल उठाए हैं। इस वजह से बीजेपी उनके खिलाफ सख्त कदम उठाने की तैयारी कर रही है। पार्टी ने चिराग पासवान के चाचा और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस को एनडीए में सक्रिय करने पर विचार कर रही है। यह सवाल उठ रहा है कि क्या बीजेपी पीएम मोदी के करीबी सहयोगी चिराग पासवान के मुकाबले उनके चाचा को महत्वपूर्ण भूमिका में ला सकती है?
पशुपति पारस को मिल सकता है महत्वपूर्ण पद
पिछले कुछ महीनों से राजनीति से दूर चल रहे पशुपति पारस को बीजेपी जल्द ही किसी महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त कर सकती है। इस योजना के तहत उन्हें किसी राज्य का गवर्नर या केंद्रीय आयोग का अध्यक्ष बनाया जा सकता है। इससे पशुपति पारस को चिराग पासवान के बराबरी में लाया जा सकेगा, जिससे बीजेपी को चिराग पर नियंत्रण रखने में मदद मिल सकती है। पशुपति पारस को पहले नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में मंत्री का पद मिला था, लेकिन वर्तमान में वे राजनीतिक हाशिए पर हैं।
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पारस की राजनीति में वापसी की उम्मीदें
सूत्रों के अनुसार, हाल ही में पशुपति पारस की बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात हुई थी। इस मुलाकात के दौरान पारस ने सकारात्मक संकेत दिए थे, हालांकि बातचीत की विस्तृत जानकारी सार्वजनिक नहीं हो सकी है। उनके समर्थकों का कहना है कि पारस को जल्द ही किसी बड़े पद पर नियुक्त किया जा सकता है। बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने भी पारस के साथ मुलाकात की पुष्टि की है, जिससे यह साफ होता है कि एनडीए में उनके कद को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
चिराग पासवान की नाराजगी और बीजेपी की रणनीति
चिराग पासवान ने हाल के दिनों में केंद्र सरकार के कई फैसलों पर विरोध जताया है, जिसमें आरक्षण में क्रिमी लेयर, लेटरल एंट्री और अनुसूचित जाति-जनजाति आरक्षण का मुद्दा शामिल है। उनके इन बयानों ने एनडीए में असंतुलन पैदा कर दिया है। चिराग पासवान कभी खुले तौर पर और कभी इशारों-इशारों में अपने चाचा पशुपति पारस पर निशाना साधते रहे हैं। इसी वजह से बीजेपी अब पारस को अधिक महत्व देने पर विचार कर रही है ताकि एनडीए में संतुलन बनाए रखा जा सके।
चुनावों को देखते हुए बीजेपी ने बरती सावधानी
बीजेपी को आगामी बिहार विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए चिराग पासवान को नाराज करने का जोखिम नहीं उठाना चाहती। हालांकि, बीजेपी ने पशुपति पारस को किसी महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त करने की योजना बनाई है, जिससे चिराग पासवान पर दबाव बनाए रखा जा सके। यह रणनीति एनडीए की अंदरूनी राजनीति में संतुलन बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है।
चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति पारस के बीच की राजनीतिक उठापटक बीजेपी के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकती है। बीजेपी का यह कदम पारस को महत्वपूर्ण पद पर लाकर चिराग पर नियंत्रण रखने की रणनीति का हिस्सा हो सकता है। आगामी चुनावी परिदृश्य और एनडीए की राजनीति के लिहाज से यह कदम काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
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