Bihar: बिहार के मुजफ्फरपुर से बेहद ही चौका देने वाला मामला सामने आया है। नौकरी के नाम पर एक चिटफंड कंपनी के दरिंदों ने ना जाने कितनी लड़कियों का यौन शोषण किया। इस घटना के सामने आने के बाद पूरे प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया। एक पीड़ित लड़की किसी तरह अपनी जान बचाकर इन दरिंदों के चंगुल से भाग निकली और कंपनी की काली करतूत को सबके सामने उजागर किया। पीड़ित लड़की बिहार सरकार से न्याय की गुहार लगा रही है और आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की मांग कर रही है।
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सोशल मीडिया पर नौकरी का झांसा
यह पूरा मामला मुजफ्फरपुर के अहियापुर इलाके का है, जहां करीब 180 लड़कियों को नौकरी देने का झांसा देकर धोके से बुलाकर फिर उन्हें बंधक बनाया गया। सिर्फ यही नहीं उनके साथ मारपीट भी की गई और कई लड़कियों के साथ यौन शोषण किया गया। मुजफ्फरपुर में एक गिरोह ने DVR नाम की एक फर्जी मार्केटिंग कंपनी बनाकर सोशल मीडिया पर नौकरी देने का विज्ञापन डाला था। इसमें लिखा गया था कि “इच्छुक लड़कियां हमसे संपर्क करें और मोटी सैलरी पाएं।” यह विज्ञापन खासतौर पर लड़कियों के लिए ही था। कई लड़कियों ने इस विज्ञापन पर भरोसा कर दिए गए नंबर पर संपर्क किया। जिसके बाद वह उनके जाल में फंस गयी।
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पीड़िता की आपबीती
छपरा जिले की रहने वाली एक पीड़िता ने इस मामले को लेकर अहियापुर थाने में केस दर्ज कराया है। उसने बताया कि फेसबुक पर महिलाओं के लिए जॉब ऑफर का एक पोस्ट देखा था। जिसकी वजह से वह DVR संस्था से जुड़ी। उन्हें बुलाकर बाकयदा इंटरव्यू लिया गया और चयन होने के बाद ट्रेनिंग के नाम पर 20 हजार रुपये की मांग की गई। रकम जमा करने के बाद लड़कियों को अहियापुर थाना क्षेत्र में बखरी के पास एक मकान में रखा गया। तीन महीने बीत जाने के बाद भी सैलरी नहीं मिली तो उसने संस्था के सीएमडी तिलक सिंह से बात की। इस पर उसे बताया गया कि 50 और लड़कियों को जोड़ने पर उसकी सैलरी बढ़ाकर 50 हजार कर दी जाएगी।
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माँ बनने पर करा दिया गर्भपात
पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया है कि तिलक सिंह ने उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाया था। इस दौरान वह गर्भवती भी हुई। जब उसे इस बात का पता चला तो उसका जबरदस्ती गर्भपात भी करा दिया गया। जिससे उसकी काफी हालत खराब हो गयी थी।
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प्रशासन की प्रतिक्रिया
पीड़िता ने बताया कि जब वह 50 और लड़कियों को जोड़ने में नाकाम रही, तो उस पर दबाव बनाया गया। पुलिस ने अहियापुर स्थित संस्था के दफ्तर और एक हॉस्टल पर छापेमारी की और वहां से कई लड़कियों को बचाया गया। पीड़िता ने आरोप लगाया कि इस चिटफंड कंपनी में 180 से अधिक लड़कियों को नौकरी का झांसा देकर फंसाया गया था। कई लड़कियों के साथ मारपीट की गई और कई लड़कियों के साथ जबरन शारीरिक सम्बन्ध बनाये। अगर लड़कियां इस बात का विरोध करती थी, तो उन्हें बेल्टों से मारा जाता था और बहुत प्रताड़ित किया जाता था।
अहियापुर थानाध्यक्ष रोहन कुमार ने बताया कि इस केस को दर्ज कर लिया गया है और लोगों से पूछताछ की जा रही है। घटना के बाद से मुख्य आरोपी फरार है और उसकी तलाश जारी है। दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी।