Bihar Bridge Collapse: भागलपुर (Bhagalpur) में सुल्तानगंज-अगुवानी गंगा नदी पर बन रहा निर्माणाधीन फोरलेन पुल एक बार फिर से ध्वस्त हो गया है. शनिवार को पुल का एक हिस्सा पिलर नंबर नौ और दस के बीच से टूटकर गंगा नदी (Ganga river) में गिर गया. इस महासेतु का निर्माण एसपी सिंगला कंपनी द्वारा कराया जा रहा है. पुल का उद्देश्य खगड़िया और भागलपुर जिलों को जोड़ना है, लेकिन निर्माण कार्य के दौरान यह तीसरी बार है जब यह पुल ध्वस्त हुआ है.
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पहले भी दो बार हुआ हादसा
बताते चले कि इससे पहले, 4 जून 2023 को सुल्तानगंज-अगुवानी (Sultanganj-Agwani) गंगा नदी पर बन रहा यह निर्माणाधीन पुल जमींदोज हो गया था. उस समय पुल का सुपर स्ट्रक्चर नदी में गिर गया था, और पुल पर ड्यूटी कर रहे दो गार्ड हादसे के बाद से लापता हो गए थे. तब अगुवानी की तरफ से पाया नंबर 10, 11, 12 के ऊपर का पूरा सुपर स्ट्रक्चर गिर गया था, जो लगभग 200 मीटर लंबा था.
इससे भी पहले, 27 अप्रैल 2022 को इस पुल का सुपर स्ट्रक्चर भी ध्वस्त हो गया था. उस समय तेज आंधी और बारिश के कारण लगभग 100 फीट लंबा हिस्सा नदी में गिर गया था. हालांकि, उस वक्त किसी भी प्रकार की जानमाल की हानि नहीं हुई थी. इन घटनाओं के बावजूद पुल का निर्माण कार्य फिर से शुरू किया गया था, और इस बार 80 प्रतिशत काम पूरा हो चुका था, साथ ही अप्रोच रोड का काम भी 45 प्रतिशत तक पूरा हो गया था.
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बिहार की महत्वाकांक्षी परियोजना पर संकट
भागलपुर-सुल्तानगंज अगुवानी पुल बिहार (Bihar) सरकार की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जो उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने के लिए बनाई जा रही है. इस परियोजना का आरंभिक मूल्यांकन 1710.77 करोड़ रुपये किया गया था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने 23 फरवरी 2014 को इस पुल का शिलान्यास किया था.
इस पुल और सड़क निर्माण से एनएच 31 और एनएच 80 को आपस में जोड़ने का लक्ष्य रखा गया था. इस पुल की लंबाई 3.160 किलोमीटर है, जबकि एप्रोच पथ की कुल लंबाई लगभग 25 किलोमीटर है. हालांकि, लगातार हो रही इन घटनाओं ने इस परियोजना पर सवालिया निशान लगा दिया है.
पुल का बार-बार ध्वस्त होना चिंता का विषय
सुल्तानगंज-अगुवानी गंगा नदी पर बन रहे इस फोरलेन पुल का बार-बार ध्वस्त होना चिंता का विषय है. पुल का ध्वस्त होना न केवल निर्माण गुणवत्ता पर सवाल उठाता है, बल्कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना की सुरक्षा और समय पर पूरा होने पर भी संदेह पैदा करता है. प्रशासन और निर्माण कंपनी को इस मामले में गंभीरता से जांच करनी होगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके.