Chirag Paswan News: केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने पटना में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान बड़ा बयान दिया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि चाहे वह किसी भी गठबंधन में रहें या किसी भी मंत्री पद पर रहें, अगर उन्हें लगेगा कि संविधान या आरक्षण के साथ खिलवाड़ हो रहा है, तो वह तत्काल मंत्री पद छोड़ देंगे। चिराग ने इस बात का उल्लेख करते हुए अपने दिवंगत पिता रामविलास पासवान का उदाहरण भी दिया, जिन्होंने इसी तरह मंत्री पद को ठुकरा दिया था।
संविधान और आरक्षण की रक्षा के प्रति प्रतिबद्ध
चिराग पासवान ने अपने भाषण में कहा, “मेरे लिए संविधान और आरक्षण सर्वोपरि हैं। जिस दिन मुझे लगेगा कि इनके साथ खिलवाड़ हो रहा है, उसी दिन मैं मंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगा।” यह बयान चिराग पासवान की उस विचारधारा को दर्शाता है, जिसमें वह आरक्षण के समर्थन और संविधान की सुरक्षा के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।
पिता रामविलास पासवान के संघर्षों का किया उल्लेख
चिराग ने अपने पिता रामविलास पासवान द्वारा आरक्षण के मुद्दे पर किए गए संघर्ष का उल्लेख करते हुए कहा कि जब कोर्ट ने आरक्षण को लेकर कानून में बदलाव की बात की थी, तो उनके पिता ने इसका कड़ा विरोध किया था। चिराग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करते हुए कहा कि उस वक्त पीएम मोदी ने उनके पिता की बात सुनी थी।
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28 नवंबर को भव्य रैली की तैयारी
अपने संबोधन में चिराग पासवान ने बताया कि आगामी 28 नवंबर को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में पार्टी का स्थापना दिवस बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा। इस मौके पर एक भव्य रैली का भी आयोजन किया जाएगा। यह रैली अगले साल बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
कांग्रेस पर वोट बैंक की राजनीति का लगाया आरोप
चिराग पासवान ने कांग्रेस (Congress) पार्टी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि यह पार्टी केवल वोट के लिए अनुसूचित जातियों और आरक्षित वर्गों का इस्तेमाल करती है, लेकिन उनके हित में कोई ठोस काम नहीं करती। चिराग ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ने आरक्षण के मुद्दे पर केवल राजनीति की है और वास्तव में आरक्षित जातियों के विकास के लिए कुछ नहीं किया है।
बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी में है चिराग
चिराग पासवान के इस बयान को बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से जोड़कर देखा जा रहा है। चिराग अब अपनी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को बिहार (Bihar) के साथ-साथ यूपी और झारखंड में भी मजबूत करने में जुटे हुए हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक कदमों को चुनावी मोड में डालते हुए बिहार की राजनीति में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है।
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चिराग के बयानों पर शुरू हुई चर्चा
चिराग पासवान के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है। चिराग पासवान के बयान को उनके आगामी चुनावी रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। इससे पहले भी चिराग पासवान ने बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में एनडीए से अलग होकर अपनी पार्टी के दम पर चुनाव लड़ा था, जिससे वह काफी चर्चा में रहे थे। अब एक बार फिर चिराग ने अपनी पार्टी को बिहार में एक मजबूत विकल्प के रूप में पेश करने के संकेत दिए हैं। चिराग पासवान अपने बयानों और कार्यों से न केवल बिहार बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। उनका यह बयान साफ तौर पर दर्शाता है कि वह आरक्षण और संविधान की सुरक्षा के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करेंगे, चाहे इसके लिए उन्हें कोई भी कीमत चुकानी पड़े।
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