ED Raid in Bihar: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार सुबह पूर्व विधायक गुलाब यादव (Former MLA Gulab Yadav) और आईएएस संजीव हंस (IAS Sanjeev Hans) के ठिकानों पर छापेमारी की। इस छापेमारी के बाद बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है। विपक्षी दलों ने इस कार्रवाई को लेकर अपनी प्रतिक्रियाएं देनी शुरू कर दी हैं। कई नेताओं ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध का मामला बताया है, जबकि कुछ ने इसे कानून का पालन करार दिया है। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि ईडी का इस्तेमाल राजनीतिक प्रतिशोध के लिए किया जा रहा है। राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा, “यह कार्रवाई केवल विपक्षी नेताओं को डराने और दबाने के लिए की जा रही है। मनी लॉन्ड्रिंग का मामला केवल बहाना है।”
सुबह 5 से चल रही छापेमारी

संजीव हंस के पटना में स्थित 2 ठिकानों पर छापेमारी चल रही है, वहीं गुलाब यादव के झंझारपुर स्थित गंगापुर, पटना और पुणे के आवास पर एक साथ ED की टीम छापेमारी कर रही है। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED ने पूर्व विधायक और IAS के खिलाफ भी एक्शन लिया है। पूर्व विधायक गुलाब यादव की पत्नी अंबिका गुलाब यादव स्थानीय निकाय क्षेत्र से MLC हैं, यही नहीं उनकी बेटी बिंदु गुलाब यादव जिला परिषद की अध्यक्ष हैं। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मंगलवार की सुबह करीब 5 बजे के आसपास ED की टीम सबसे पहले झंझारपुर के पूर्व विधायक गुलाब यादव के लखनौर प्रखंड के गंगापुर स्थित आवास पहुंची और छापेमारी की है। झंझारपुर के साथ साथ पूर्व विधायक के पटना और पुणे स्थित आवास पर छापेमारी की बात कही जा रही है।
सत्ता पक्ष की प्रतिक्रिया
वहीं, भाजपा और जदयू नेताओं ने इस कार्रवाई का समर्थन किया है। जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, “ईडी की कार्रवाई कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा है और इसमें कोई राजनीतिक द्वेष नहीं है। अगर किसी ने गलत किया है तो उसे कानून का सामना करना पड़ेगा।” ईडी की इस कार्रवाई के बाद सोशल मीडिया पर भी लोगों की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ लोग इस कदम को सही ठहरा रहे हैं तो कुछ इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बता रहे हैं।
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क्या होगा आगे?

अब सभी की नजरें ईडी की जांच पर टिकी हैं। इस छापेमारी में मिले दस्तावेज और सबूतों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में और कौन-कौन से बड़े नाम सामने आते हैं और किस तरह की सजा होती है। ईडी की यह कार्रवाई बिहार की राजनीति में एक बड़ा मुद्दा बन गई है। इस छापेमारी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं और इसका असर आगामी चुनावों पर भी पड़ सकता है। अब देखना यह है कि जांच में क्या नए खुलासे होते हैं और इससे राज्य की राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ता है।
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