Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में चलाए जा रहे ‘ऑपरेशन माड़’ के तहत सुरक्षाबलों को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस, बीएसएफ और एसटीएफ की संयुक्त टीम ने नारायणपुर जिले में तीन बड़े इनामी नक्सलियों को मुठभेड़ में मार गिराया। इन नक्सलियों के खिलाफ कुल 49 लाख रुपए का इनाम घोषित था। अभियान के दौरान सुरक्षाबलों ने उनके पास से भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक भी बरामद किया है।
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तीन बड़े नक्सलियों का खात्मा
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मारे गए नक्सलियों में से एक की पहचान रूपेश उर्फ गोलू उर्फ साम्भा गोसाई मंडावी के रूप में हुई है, जो पीएलजीए संगठन के कंपनी-10 का प्रभारी था। इस नक्सली पर 25 लाख रुपए का इनाम था और यह मदनवाड़ा घटना (2009) का मास्टरमाइंड भी था। दूसरा नक्सली जगदीश उर्फ रमेश उर्फ सुखलाल टिकाम था, जिस पर 16 लाख रुपए का इनाम घोषित था। वहीं, तीसरी नक्सली सरिता उर्फ बसंती थी, जो पीपीसीएम कंपनी-10 की सदस्य थी, इस पर 8 लाख रुपए का इनाम रखा गया था।
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सुरक्षाबलों ने दिखाया अदम्य साहस
नारायणपुर के अबूझमाड़ क्षेत्र में इस नक्सल विरोधी अभियान को अंजाम दिया गया। बस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि एसटीएफ, बीएसएफ और पुलिस की संयुक्त टीम ने इस अभियान को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। जंगलों में सर्च अभियान के दौरान सुरक्षाबलों का सामना नक्सलियों से हो गया, जिसके बाद लगभग छह घंटे तक चली मुठभेड़ में तीन इनामी नक्सलियों को ढेर कर दिया गया।
मुठभेड़ में मिले घातक हथियार
सुरक्षाबलों ने मारे गए नक्सलियों के पास से भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद किए। इनमें AK-47, इंसास राइफल और एसएलआर सहित कई प्रकार के आधुनिक हथियार शामिल हैं। इसके साथ ही नक्सलियों के पास से बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री भी मिली, जिससे पता चलता है कि वे किसी बड़े हमले की योजना बना रहे थे।
कुछ नक्सली भागने में हुए कामयाब, कई घायल
आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि मुठभेड़ के दौरान और भी नक्सली मौजूद थे, जो जंगल का फायदा उठाकर भागने में सफल रहे। हालांकि, सुरक्षाबलों का दावा है कि इनमें से कई नक्सली घायल भी हुए हैं और उनकी तलाश में सर्च ऑपरेशन जारी है। अभियान के दौरान सुरक्षाबलों का कोई जवान हताहत नहीं हुआ, जो इस अभियान की एक और बड़ी सफलता मानी जा रही है।
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छह घंटे की लंबी मुठभेड़, इलाके में तनाव
मुठभेड़ करीब छह घंटे तक चली, जिसमें सुरक्षाबलों ने अपने साहस का परिचय देते हुए तीन बड़े नक्सलियों को ढेर कर दिया। ऑपरेशन के बाद पूरे क्षेत्र में सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। सुरक्षाबलों की इस कामयाबी से नक्सली नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है, क्योंकि मारे गए नक्सली क्षेत्र के बड़े नेता और संगठन के महत्वपूर्ण सदस्य थे।
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सुरक्षाबलों की बड़ी उपलब्धि
यह मुठभेड़ नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। ‘ऑपरेशन माड़’ के तहत सुरक्षाबलों द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान का उद्देश्य नक्सलियों के ठिकानों को ध्वस्त करना और इस क्षेत्र को नक्सल मुक्त बनाना है। सुरक्षाबलों की इस कार्रवाई से क्षेत्र में नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई को नई ऊर्जा मिली है और स्थानीय लोगों में सुरक्षा की भावना मजबूत हुई है।
नक्सलियों पर शिकंजा कसने की रणनीति
छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद से निपटने के लिए पुलिस, बीएसएफ और एसटीएफ की संयुक्त टीमें लगातार सक्रिय हैं। इस अभियान के तहत नक्सलियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं। सरकार की ओर से घोषित इनामी नक्सलियों का खात्मा सुरक्षाबलों की रणनीति और उनकी कुशलता का प्रमाण है। इस कार्रवाई से यह साफ हो गया है कि राज्य में नक्सलवाद को खत्म करने के लिए सरकार और सुरक्षाबल पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।
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सुरक्षाबलों के हौसले बुलंद
इस मुठभेड़ में मिली सफलता से सुरक्षाबलों के हौसले बुलंद हैं। नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबलों की लगातार सफल कार्रवाई से नक्सलवाद की कमर टूट रही है। अबूझमाड़ क्षेत्र, जो लंबे समय से नक्सलियों का गढ़ माना जाता था, अब धीरे-धीरे सुरक्षाबलों के नियंत्रण में आ रहा है। इस अभियान से न सिर्फ बस्तर संभाग में शांति बहाल करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है, बल्कि यह भी संदेश दिया गया है कि राज्य और केंद्र सरकारें नक्सलवाद के खात्मे के लिए पूरी तरह से गंभीर हैं।