Baba Siddique Murder Case: महाराष्ट्र में एनसीपी नेता बाबा (Baba Siddique) सिद्दीकी की हत्या के मामले में एक के बाद एक नए खुलासे हो रहे हैं। मुंबई पुलिस की जांच में पता चला है कि हत्यारों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, खासतौर पर इंस्टाग्राम और स्नैपचैट, का इस्तेमाल कर हत्या की साजिश रची।
पुलिस के अनुसार, आरोपी इन ऐप्स के ‘डिलीट फॉर एवरीवन’ जैसे फीचर्स का उपयोग कर एक-दूसरे से संपर्क में रहे, जिससे बातचीत के डेटा को ट्रैक करना मुश्किल हो गया।
इंस्टाग्राम और स्नैपचैट का इस्तेमाल
पुलिस की जांच में सामने आया कि हत्यारे इंस्टाग्राम और स्नैपचैट के विशेष फीचर्स का उपयोग करके एक-दूसरे से जुड़े रहे। इन प्लेटफॉर्म्स में ‘डिलीट फॉर एवरीवन’ फीचर का उपयोग कर, हत्यारों ने संदेशों को भेजने और फिर डिलीट कर दिया, जिससे उनकी बातचीत का कोई सबूत न रहे। यह फीचर आमतौर पर गलत मैसेज भेजने पर उसे वापस लेने के लिए होता है, लेकिन इस मामले में इसे क्राइम प्लानिंग के लिए इस्तेमाल किया गया।
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मैसेजिंग ऐप्स के फीचर्स का दुरुपयोग
इंस्टाग्राम और स्नैपचैट के अलावा, व्हाट्सऐप और फेसबुक जैसे ऐप्स पर भी यही फीचर उपलब्ध है। ये ऐप्स यूजर्स को संदेश भेजने के बाद उसे तुरंत डिलीट करने की सुविधा देते हैं। हालांकि, इन ऐप्स का यह फीचर यूजर्स की सुविधा के लिए बनाया गया था, ताकि गलती से भेजे गए मैसेज को हटाया जा सके। लेकिन इस केस में, इसका दुरुपयोग अपराधियों द्वारा किया गया।
जांच की दिशा
मुंबई पुलिस अब यह जांच रही है कि हत्यारों ने इस तकनीक का उपयोग कैसे किया और उनके पास मौजूद अन्य डिजिटल सबूतों से उन्हें पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है। यह पहली बार है जब किसी बड़े क्राइम केस में इंस्टाग्राम और स्नैपचैट के फीचर्स का दुरुपयोग इस तरह से सामने आया है।
इस हत्याकांड के खुलासे से यह साफ होता है कि अपराधी अब डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और उनकी सुविधाओं का भी गलत इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए चुनौती बढ़ गई है।
क्या है इंस्टाग्राम और स्नैपचैट का फीचर?
आपको बता दें कि इंस्टाग्राम और स्नैपचैट के साथ कई मैसेजिंग ऐप पर यह फीचर देखने को मिलता है, जिसमें लोग बड़ी आसानी से अपने मैसेज को एडिट या फिर “डिलीट फॉर एवरीवन” कर सकते हैं। इस ऑप्शन की मदद से लोग किसी भी मैसेज को हमेशा के लिए हटा सकते हैं।
ऐसे में मैसेज पढ़ने और भेजने वाले की हिस्ट्री से भी उसे डिलीट कर दिया जाता है। आमतौर पर इसका इस्तेमाल गलत मैसेज भेजने या फिर मैसेज में एरर होने पर उसे सही करने के लिए किया जाता है, लेकिन बाबा सिद्दीकी की हत्या इस फीचर के कारण हुई, जिसका इस्तेमाल आरोपियों ने पूरी साजिश के दौरान किया था।