Atul Subhash suicide case:बेंगलुरु में 34 वर्षीय एआई इंजीनियर अतुल सुभाष ने आत्महत्या कर ली, जिससे उनकी परिवारिक स्थिति और संघर्षों को लेकर बड़े सवाल उठे हैं। आत्महत्या से पहले, अतुल ने अपनी पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया और साले अनुराग सिंघानिया पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था। उन्होंने तीनों पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया। अतुल ने इस मामले को लेकर एक सुसाइड नोट और एक वीडियो भी छोड़ा था, जिसमें उन्होंने अपनी पीड़ा और आरोपों को विस्तार से साझा किया था।
इस सुसाइड नोट और वीडियो में अतुल ने न्याय व्यवस्था की आलोचना भी की थी। उन्होंने जज रीता कौशिक पर आरोप लगाया था कि उन्होंने इस मामले को सुलझाने के लिए उनसे पांच लाख रुपये की मांग की थी। यह मामला जौनपुर फैमिली कोर्ट में चल रहा था, और अतुल का आरोप था कि उनका उत्पीड़न सिर्फ कोर्ट में लंबित मामलों की वजह से बढ़ा था। आत्महत्या से पहले उन्होंने सोशल मीडिया पर ये दस्तावेज साझा किए थे, जो कुछ समय तक लोगों तक पहुंचते रहे।
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सुसाइड नोट और वीडियो की गुमशुदगी
अब इस मामले में एक नया मोड़ सामने आया है। खबरें आ रही हैं कि अतुल सुभाष द्वारा छोड़े गए सुसाइड नोट और वीडियो एक हफ्ते बाद गूगल ड्राइव लिंक से गायब हो गए हैं। पहले इन दस्तावेजों को लिंक पर सार्वजनिक रूप से साझा किया गया था, लेकिन अब लिंक में केवल एक कविता, राष्ट्रपति को संबोधित पत्र और एक घोषणा पत्र मौजूद हैं। घोषणा पत्र में अतुल ने अपनी पत्नी निकिता द्वारा लगाए गए आरोपों को गलत बताया है और उन्हें नकारा है। इसके साथ ही, एक ‘यादें’ नामक फोल्डर में उनकी निजी तस्वीरें भी शामिल थीं, लेकिन सुसाइड नोट और वीडियो अब वहां से गायब हो चुके हैं।
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सोशल मीडिया पर विवाद
इस घटनाक्रम ने सोशल मीडिया पर जबर्दस्त हलचल मचा दी है। कई सोशल मीडिया यूजर्स का मानना है कि इन फाइलों को जानबूझकर हटाया गया है ताकि मामले के साक्ष्य नष्ट किए जा सकें। कुछ यूजर्स ने पहले ही इन फाइलों को डाउनलोड कर लिया था और अब वे इन्हें विभिन्न प्लेटफार्मों पर पुनः अपलोड कर रहे हैं
ताकि लोग इन दस्तावेजों तक पहुंच सकें। यह आरोप भी लगाए जा रहे हैं कि गूगल और कानून एजेंसियों ने मिलकर फाइलों को हटाने में भूमिका निभाई है। हालांकि, अब तक पुलिस और अधिकारियों की तरफ से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, जिससे यह मामला और भी रहस्यमय बन गया है।