DIGITAL: Ankur Sharma
- ISRO ने हासिल की एक और उपलब्धि
Aditya L1 Mission: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की ओर से सूर्य का अध्ययन करने के लिए भेजे गए आदित्य एल 1 मिशन ने आज बड़ी उपलब्धि हासिल की है। सूर्य की अहम जानकारी जुटाने के लिए महत्वकांक्षी मिशन आदित्य एल 1 ने अब अपना काम स्टार्ट कर दिया है। इसरो ने मिशन की जानकारी को सोशल मीडिया एक्स पर शेयर करते हुए बताया है कि,उपग्रह पर मौजूद आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट (ASPEX) पेलोड ने अपना काम करना शुरू कर दिया है और सामान्य तरीके से काम कर रहा है।
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ISRO ने शेयर की तस्वीर
आदित्य एल1 के ASPEX में दो उपकरण सोलर विंड आयन स्पेक्ट्रोमीटर (SWIS) और सुप्राथर्मल एनर्जेटिक पार्टिकल स्पेक्ट्रोमीटर (STEPS) शामिल हैं। इसरो के मुताबिक STEPS ने अपना काम 10 सितंबर को ही करना शुरू कर दिया था, जबकि SWIS शनिवार को एक्टिव हो गया और इसने पहले से रही मंशा के अनुसार अपना प्रदर्शन किया है। इसरो की ओर से इसकी एक तस्वीर भी शेयर की गई है, जो नए पेलोड के जरिए कैप्चर हुए प्रोटॉन और अल्फा कणों की संख्या में ऊर्जा के अंतर को पेश करता है।
2 सितंबर को श्रीहरिकोटा से किया था रवाना
आपको बता दें कि,इसरो ने सौर मिशन आदित्य एल1 को 2 सितंबर को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से रवाना किया था। इसके प्रमुख उद्देश्यों में सौर कोरोना की भौतिकी,ताप तंत्र,सोलर विंड की रफ्तार,सौर वायुमंडल के संगठन,गतिशीलता,सौर वायु वितरण,कोरोनल मास इजेक्शन,फ्लेयर्स,पृथ्वी के नजदीक अंतरिक्ष मौसम की उत्पत्ति और तापमान का अध्ययन शामिल है। आदित्य एल1 मिशन भी चंद्रयान 3 की तरह पहले पृथ्वी की परिक्रमा करेगा और फिर ये तेजी से सूरज की दिशा में उड़ान भरेगा।इसरो का ये मिशन करीब 4 महीने में पूरा हो जाएगा।
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इसरो प्रमुख एस.सोमनाथ ने दी जानकारी
इसरो प्रमुख एस सोमनाथ का कहना है कि,आदित्य एल1 के एल1 बिंदु में प्रवेश की अंतिम तैयारियां लगातार आगे बढ़ रही हैं।आदित्य एल1 सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली अंतरिक्ष आधारित वेधशाला है। आदित्य एल1 सूर्य पर जाकर कई ऐसी जानकारियां हम तक पहुंचाएगा जिसके बारे में पृथ्वी से पता करना संभव नहीं हो पाता।