बिहार (गया): संवाददाता – बिप्लव कुमार
गया। गया के नगर निगम की बड़ी लापरवाही सामने सामने आयी है। जातिगत आधारित गणना के रखे गए डाटा बारिश के पाना से भीग गए है। पटना उच्च न्यायालय के आदेश के बाद जातीय जनगणना का पुनः हरी झंडी मिल गई है। इसको लेकर के गया जिले में गया जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम के पहल पर जातीय जनगणना का कार्य प्रारंभ हो गया है। इसके पहले भी जातीय जनगणना का कार्य हुआ था। लेकिन उच्च न्यायालय पटना में याचिका दायर करने के बाद जातीय गणना पर अंतरिम रोक लग गई थी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जनगणना कराने का दिया आदेश
इस मामले पर उच्च न्यायालय पटना द्वारा जातीय जनगणना कराने का पुनः आदेश दिया गया है। अब जोर शोर से जाति जनगणना की जा रही है। जिसमें आवश्यक पड़ने पुराने फाइलों को भी निकाला जा रहा है। लेकिन गया नगर निगम की कर्मचारियों की बड़ी लापरवाही देखने को मिला है। गया नगर निगम के सम्राट भवन में रखें जाति आधारित गणना का दस्तावेज वर्षा के पानी से भीग गये है। और उन डाटा को फर्श पर रखकर सुखाया जा रहा है। गया नगर निगम के 53 वाडो का लगभग 1048 ईबी किट रखे गए थे। जिसमे लगभग 30 से 35 ईबी किट बारिश के पानी से भीग गए हैं। भींगे जातीय डाटा किट को फर्श पर रखकर सुखाया जा रहा है।
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इसका जिम्मेवार है कौन
इस गंभीर मामले पर नगर आयुक्त अभिलाषा शर्मा का कहना है कि दस्तावेज भींगने से कोई बड़ी समस्या नहीं है। सभी विवरण ऑनलाइन से कंप्यूटर में दर्ज है। जरूरत पड़ने पर मूल दस्तावेज आसानी से कंप्यूटर से निकाला जा सकता है। बिहार में जातीय गणना होना है। जिसको लेकर पुराने जातीय डाटा की जरुरत पड़ सकती है।