संवाददाता:आशीष कुमार गुप्ता
Maharajganj: महराजगंज (Maharajganj) में प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग की ओर से बड़ा घोटाला सामने आया है जहां विशुनपुर गबडुवा से हरिजन बस्ती तक 0.97 किलोमीटर लंबी सड़क के निर्माण के लिए 66.64 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया जबकि सड़क का कार्य अभी तक पूरा नहीं हुआ है।इसका खुलासा एक व्यक्ति द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर हुआ जिसके बाद पूरे विभाग में इस फर्जीवाड़े को लेकर हड़कंप मच गया है।
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महराजगंज में सड़क निर्माण में बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा
मिली जानकारी के मुताबिक,इस पूरे फर्जीवाड़े में पूर्व एक्सईएन गंगा सागर यादव,इंजीनियर कर्ण सिंह,इंजीनियर सुनील यादव और इंजीनियर संदीप यादव का नाम सामने आया है।इन सभी अधिकारियों के ऊपर आरोप है कि,मिलीभगत से सभी अधिकारियों ने केवल कागजों में ही सड़क निर्माण का काम दिखाकर फर्जी भुगतान करवाया और चौंकाने वाली रही कि,सड़क निर्माण से पहले ही लोकार्पण का बोर्ड भी लगा दिया गया।
ठेकेदार और अधिकारियों की मिलीभगत से हुआ भ्रष्टाचार
एक स्थानीय निवासी द्वारा इसकी शिकायत करने के बाद पूरे मामले का उजागर हुआ जिससे ग्रामीणों में रोष पैदा हो गया।ग्रामीणों ने मौके पर जाकर देखा कि,सड़क पर कोई काम नहीं हुआ है तभी उन लोगों ने इसके संबंध में अधिकारियों से जवाब-तलब किया जिससे ठेकेदार और अधिकारियों के पसीने छूट गए।
ग्रामीणों ने लोकार्पण वाले बोर्ड को लेकर जब अधिकारियों से सवाल पूछे तो अधिकारी एक-दूसरे का चेहरा देखने लगे और शिलापट्ट को चोरी छिपे दूसरे के घर पर लगाकर निकल लिए।इस दौरान क्रोधित ग्रामीणों को समझाते हुए ठेकेदार और अधिकारियों ने कहा कि,अगर हरिजन बस्ती का नाम नहीं होता तो भुगतान नहीं होता ऐसे में मजबूरी में कार्ययोजना को बनाना पड़ा।
फर्जीवाड़े के खुलासे से विभाग में मची खलबली
हालांकि स्थानीय लोगों द्वारा की गई शिकायत के बाद लोक निर्माण विभाग में खलबली मच गई है मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है।ग्रामीणों ने इस फर्जीवाड़े की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है ताकि दोषियों को सजा मिल सके और आगे से इस तरह की घटनाएं न हों।इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए डीएम ने जांच के आदेश दे दिए हैं।अब देखना दिलचस्प होगा कि,जांच अधिकारियों को सड़क निर्माण में ये फर्जीवाड़ा दिखता है या नहीं।