Bharat Bandh: बिहार में आज भारत बंद (Bharat Bandh) का असर मिला-जुला रहा, लेकिन राजधानी पटना में इस दौरान स्थिति तनावपूर्ण रही. पटना (Patna) के डाकबंगला चौराहे पर प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच टकराव हो गया, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने बैरिकेडिंग की और वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया. इस दौरान एक अजीबोगरीब घटना घटित हुई, जब सिविल ड्रेस में मौजूद एसडीएम श्रीकांत खांडेकर को सिपाही ने प्रदर्शनकारी समझकर लाठी से मार दिया.
दुकानों और स्कूलों पर भारत बंद का असर
बताते चले कि भारत बंद (Bharat Bandh) और उग्र प्रदर्शन के कारण डाकबंगला चौराहे पर अधिकांश दुकानें बंद रहीं. जो दुकानें खुली थीं, उन्हें भी प्रदर्शन के चलते जल्दी शटर गिराना पड़ा. पटना के डीएम (Patna DM) ने पहले ही निर्देश जारी कर दिया था कि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जोर-जबरदस्ती करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इसके बावजूद, कई स्थानों पर पुलिस को सख्त कदम उठाने पड़े. इस बंद को देखते हुए पटना के कई स्कूलों ने पहले ही मंगलवार की रात को निर्देश जारी कर विद्यालय को बंद कर दिया था, हालांकि, कुछ स्कूल बुधवार को खुले, लेकिन बंद और प्रदर्शन के मद्देनजर छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जल्दी छुट्टी कर दी गई.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में दलित संगठनों का भारत बंद
आपको बता दे कि भारत बंद (Bharat Bandh) का आह्वान दलित संगठनों द्वारा किया गया था, जो सुप्रीम कोर्ट के एससी आरक्षण में क्रीमी लेयर लागू करने के फैसले का विरोध कर रहे थे. बिहार के कई जिलों में इसका व्यापक असर देखा गया. मधुबनी और आरा जैसे स्थानों पर प्रदर्शनकारियों ने ट्रेनों को रोक दिया और कई जिलों में आगजनी की घटनाएं भी हुईं.
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पुलिस भर्ती परीक्षा और अभ्यर्थियों की समस्याएं
बुधवार को बिहार पुलिस सिपाही भर्ती की परीक्षा (Bihar Police Constable Recruitment Exam) भी आयोजित की गई थी, लेकिन भारत बंद (Bharat Bandh) और प्रदर्शन के कारण कई अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्र तक पहुंचने में कठिनाई का सामना करना पड़ा. विभिन्न स्थानों से ऐसी खबरें आईं कि अभ्यर्थियों को समय पर सेंटर पहुंचने में दिक्कत हुई.
बिहार में भारत बंद (Bharat Bandh) का असर मिला-जुला रहा, लेकिन पटना में स्थिति अधिक गंभीर रही. प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच टकराव ने शहर में तनाव पैदा किया. बंद के कारण दुकानें बंद रहीं और स्कूलों में छुट्टी दे दी गई. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में दलित संगठनों के इस बंद ने राज्य के कई हिस्सों में उग्र प्रदर्शन और हिंसा को जन्म दिया. सरकार ने इस स्थिति से निपटने के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की, लेकिन फिर भी कई स्थानों पर बंद का असर दिखाई दिया.