Haryana Elections: हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी में उम्मीदवारों के टिकट के बाद अब सीएम पद की दौड़ में शामिल चेहरे को लेकर विरोध के स्वर दिखाई देने लगे हैं। हरियाणा बीजेपी के वरिष्ठ नेता अनिल विज ने खुद को सीएम पद का चेहरा बताकर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के आगे चुनाव से पहले ही नई मुश्किल खड़ी करी दी है। रविवार को हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री अनिल विज ने दावा किया कि,वरिष्ठता को देखते हुए मैं खुद को सीएम पद के लिए आगे करुंगा मैं चुनाव प्रचार के लिए अब तक जहां-जहां भी जा रहा हूं सभी लोगों ने मुझे इस बार सीएम पद की दावेदारी करने के लिए कहा है।
Read more: Gujarat: पीएम मोदी ने गांधीनगर में चौथे वैश्विक अक्षय ऊर्जा निवेशक सम्मेलन का किया उद्घाटन
चुनाव से पहले अनिल विज ने दिखाई अपनी नाराजगी
आपको बता दें कि,अनिल विज हरियाणा भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं छात्र राजनीति से उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। कॉलेज में पढ़ाई के दौरान ही अनिल विज राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ गए 1970 में अनिल विज को एबीवीपी का महासचिव बनाया गया इसके बाद पहली बार 1990 में उपचुनाव में जीतकर विधायक बने इसके बाद 1996 और 2000 में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अनिल विज विधायक चुने गए। हालांकि साल 2005 के विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। अनिल विज हरियाणा में अभी तक कुल 6 बार विधायक बन चुके हैं।
अनिल विज ने खुद को बताया सीएम पद का चेहरा
2005 में हार के बाद साल 2009 के विधानसभा चुनाव में अनिल विज ने बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा और हरियाणा की अंबाला कैंट सीट से जीत दर्ज की इसके बाद 2014 में भी बीजेपी ने उन पर भरोसा दिखाते हुए दोबारा चुनाव लड़वाया। इस बार उन्हें पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर सरकार की कैबिनेट में स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया। 2019 में एक बार फिर अनिल विज ने अंबाला कैंट से चुनाव लड़ा और इस बार सरकार में उन्हें गृह मंत्री का पद दिया गया।
नायब सिंह सैनी से इससे पहले भी दिख चुकी है नाराजगी
हरियाणा में पहली बार 2014 में बीजेपी की पूर्ण बहुमत वाली सरकाई आई थी। उस समय अनिल विज का नाम सीएम पद की दौड़ में शामिल था लेकिन विधायक दल का नेता मनोहर लाल खट्टर को चुना गया और उन्हें राज्य का मुख्यमंत्री बना दिया गया। मनोहर लाल खट्टर को इस बार भाजपा ने लोकसभा चुनाव लड़वाया उससे पहले पार्टी ने नायब सिंह सैनी को राज्य का नया मुख्यमंत्री बनाया इससे अनिल विज नाराज बताए जा रहे थे और यही वजह थी कि,अनिल विज नायब सिंह के शपथ ग्रहण में शामिल नहीं हुए थे।
हालांकि बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व की ओर से उनसे बाचतीच में नाराजगी को दूर किया गया था एक बार फिर अब जब हरियाणा में 5 अक्टूबर को मतदान होना है उससे पहले अनिल विज ने खुद को सीएम पद का चेहरा बताकर अपनी नाराजगी साफ जाहिर कर दी है देखने वाली बात अब यह होगी कि,क्या चुनाव से पहले पार्टी हाईकमान नायब सिंह की जगह अनिल विज के नाम पर विचार करती है या फिर पार्टी सीएम पद के लिए नायब सिंह के चेहरे पर ही चुनाव लड़ेगी।