Bangladesh Protest: बांग्लादेश (Bangladesh) में राजनीतिक संकट गहराने के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना (sheikh hasina) के इस्तीफे के बाद सेना ने देश की बागडोर अपने हाथ में ले ली है। सेना प्रमुख जनरल वकार उज जमां ने प्रेस कांफ्रेंस में यह ऐलान किया कि अब देश में अंतरिम सरकार बनाई जाएगी। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और आश्वासन दिया कि हिंसक झड़पों में मारे गए लोगों के परिवारों को न्याय मिलेगा।
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जनरल वकार उज जमां का बयान
प्रेस कांफ्रेंस में जनरल वकार उज जमां ने कहा, “हमने सभी पक्षों से सार्थक बातचीत की है और अब अंतरिम सरकार का गठन होगा।” उन्होंने यह भी कहा कि सभी प्रकार की हिंसा को तुरंत रोका जाए और छात्रों से वादा किया कि नई सरकार भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के दौरान हुई सभी मौतों के लिए न्याय सुनिश्चित करेगी।
जनरल वकार उज जमां की पारिवारिक पृष्ठभूमि
बांग्लादेश की मीडिया के अनुसार, जनरल वकार उज जमां की पत्नी बेगम साराहनाज कामालिका रहमान हैं, जो बांग्लादेश के पूर्व चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल मुस्तफिजुर रहमान की बेटी हैं। जनरल मुस्तफिजुर रहमान रिश्ते में शेख हसीना के चाचा लगते थे, इस नाते साराहनाज कामालिका रहमान शेख हसीना की चचेरी बहन हुईं और उनके पति जनरल वकार बहनोई।
हिंसक प्रदर्शन और शेख हसीना का इस्तीफा
बांग्लादेश में करीब दो महीने से आरक्षण के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन चल रहे थे। शेख हसीना की सरकार ने जब प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सख्ती बरतनी शुरू की, तो आंदोलन और उग्र हो गया और प्रदर्शनकारी शेख हसीना के इस्तीफे की मांग पर अड़ गए। 5 अगस्त को प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री आवास की तरफ बढ़ने लगे, जिसके बाद शेख हसीना को अपनी कुर्सी के साथ-साथ देश भी छोड़ना पड़ा।
जनरल वकार उज जमां का सैन्य करियर
जनरल वकार उज जमां का जन्म 16 सितंबर 1966 को बांग्लादेश के शेरपुर जिले में हुआ था। उन्होंने डिफेंस सर्विसेज कमांड एंड स्टाफ कॉलेज से ग्रेजुएशन की पढ़ाई की और डिफेंस स्टडीज में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। इसके अलावा उन्होंने लंदन के किंग्स कॉलेज से डिफेंस स्टडीज में एमए की डिग्री भी ली है।
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सेना में जनरल वकार उज जमां की भूमिका
जनरल वकार उज जमां ने 20 दिसंबर 1985 को बांग्लादेश मिलिट्री एकेडमी ज्वाइन की और ईस्ट बंगाल रेजीमेंट का हिस्सा बने। अपने सेवा के दौरान उन्होंने नॉन कमीशंड ऑफिसर्स एकेडमी, स्कूल ऑफ इन्फेंट्री एंड टैक्टिक्स, बांग्लादेश इंस्टिट्यूट ऑफ पीस सपोर्ट ऑपरेशन ट्रेनिंग (BIPSOT) जैसे संस्थानों में भी पढ़ाया। इसके अलावा उन्होंने बांग्लादेश की तरफ से संयुक्त राष्ट्र द्वारा लाइबेरिया और अंगोला में भेजे गए मिशनों की भी अगुवाई की।
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सेना प्रमुख के रूप में जनरल वकार उज जमां
23 जून 2024 को जनरल वकार उज जमां को बांग्लादेश की सेना का चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ नियुक्त किया गया। इस पद से पहले वे बांग्लादेश आर्मी के चीफ ऑफ जनरल स्टाफ (CGS) और आर्म्ड फोर्सेज डिवीजन के प्रिंसिपल स्टाफ ऑफिसर थे। उनकी नियुक्ति के बाद बांग्लादेश की सेना ने कई महत्वपूर्ण मिशनों में अपनी भागीदारी बढ़ाई है।
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बांग्लादेश की नई दिशा
शेख हसीना के इस्तीफे और जनरल वकार उज जमां के नेतृत्व में बांग्लादेश एक नए राजनीतिक दौर में प्रवेश कर रहा है। अंतरिम सरकार के गठन की प्रक्रिया और सेना के इस महत्वपूर्ण कदम से देश में स्थिरता और न्याय की नई उम्मीदें जगाई हैं। जनता और राजनीतिक दलों को उम्मीद है कि इस नई व्यवस्था से देश में शांति और समृद्धि लौटेगी।