Bangladesh Government Crisis: बांग्लादेश में आरक्षण के मुद्दे पर लगातार उग्र प्रदर्शन हो रहे हैं। शेख हसीना की सरकार के खिलाफ प्रदर्शनकारियों का आक्रोश चरम पर है। रविवार को हुई हिंसा के दौरान प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री शेख हसीना (PM Sheikh Hasina) की पार्टी अवामी लीग के दफ्तर में आग लगा दी और प्रधानमंत्री आवास पर भी कब्जा कर लिया है। हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए हैं और कई जगहों पर हिंसक प्रदर्शन जारी हैं। पूरे बांग्लादेश (Bangladesh) बॉर्डर पर 24 घंटे का अलर्ट रखा गया है और सेना ने अंतरिम सरकार बनाने का दावा किया है।
शेख हसीना ने छोड़ा देश

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना (PM Sheikh Hasina) को लेकर खबर है कि वह देश छोड़कर रवाना हो गई हैं। सूत्रों के अनुसार, वह फिलहाल एयरफोर्स के विमान में हैं और शाम पांच बजे तक नई दिल्ली पहुंच सकती हैं। बताया जा रहा है कि वह दिल्ली आकर आगे का निर्णय लेंगी। हालांकि, उनकी संभावित गंतव्यों में नई दिल्ली, अगरतला, लंदन, फिनलैंड या स्विट्जरलैंड शामिल हैं।
आरक्षण विवाद का उग्र रूप

यह झड़प रविवार सुबह उस समय और उग्र हो गई जब नौकरी में कोटा प्रणाली को लेकर शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों को सत्तारूढ़ अवामी लीग, छात्र लीग और जुबो लीग के कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ा। बांग्लादेश के प्रमुख अखबार प्रोथोम आलोक की रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को हुई झड़पों में 14 पुलिसकर्मियों समेत कम से कम 101 लोग मारे गए थे। अब यह संख्या 300 पार कर गई है। हिंसा के कारण अधिकारियों को मोबाइल इंटरनेट बंद करना पड़ा और अनिश्चितकाल के लिए पूरे देश में कर्फ्यू लगाना पड़ा।
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बातचीत का न्योता ठुकराया
प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री शेख हसीना के बातचीत के न्योते को भी ठुकरा दिया। दोनों गुटों के बीच टकराव में कई मौतें हो चुकी हैं और सैकड़ों अन्य घायल हुए हैं। मारे गए लोगों में ज्यादातर पुलिसकर्मी शामिल हैं, जिन पर प्रदर्शनकारियों का गुस्सा फूट रहा है। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस थानों, पुलिस चौकियों, सत्तारूढ़ पार्टी के दफ्तरों और उनके नेताओं के आवास पर हमला किया और कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया।

बांग्लादेश में आरक्षण विवाद ने गंभीर राजनीतिक संकट पैदा कर दिया है। इस हिंसक स्थिति को देखते हुए, सरकार और प्रदर्शनकारियों दोनों को संवाद के माध्यम से समस्या का समाधान निकालने की कोशिश करनी चाहिए। देश में शांति और स्थिरता के लिए यह जरूरी है कि सभी पक्ष मिलकर एक समाधान पर पहुंचें। शेख हसीना का देश छोड़ना और सेना का अंतरिम सरकार बनाने का दावा, स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है। बांग्लादेश के भविष्य के लिए यह महत्वपूर्ण है कि ऐसी हिंसक घटनाएं रोकी जाएं और आरक्षण विवाद का शांतिपूर्ण समाधान निकाला जाए।