Bahraich Violence: उत्तर प्रदेश के बहराइच (Bahraich) में हुई हिंसा के बाद राजनीति शुरु हो गई है. समाजवादी पार्टी (सपा) ने हिंसा में मारे गए रामगोपाल मिश्रा का एक वीडियो शेयर किया है, जो उनकी मौत से कुछ देर पहले का बताया जा रहा है. इस वीडियो के जरिए सपा ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर गंभीर आरोप लगाए हैं. पार्टी का दावा है कि रामगोपाल एक मुस्लिम घर में जबरन घुसकर हरा झंडा उतार रहा था और भगवा झंडा फहराने की कोशिश कर रहा था. सपा ने सवाल किया कि आखिर गोपाल के मन में ऐसा जहर किसने भरा?
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सपा का भाजपा पर साजिश का आरोप
बताते चले कि सपा ने वीडियो के आधार पर भाजपा पर हिंसा को राजनीतिक लाभ के लिए उठाने का आरोप लगाया है. पार्टी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि यह भाजपा की साजिश का हिस्सा है, जिसमें गोपाल को एक मासूम से दंगाई बना दिया गया. पार्टी का कहना है कि भाजपा माहौल को बिगाड़कर आगामी चुनावों में इसका फायदा उठाना चाहती है. सपा ने इसे इंटेलिजेंस और पुलिस की विफलता भी करार दिया और कहा कि इसे सांप्रदायिक नजरिए से देखने की बजाय साजिश के एंगल से जांचा जाना चाहिए.
भाजपा पर सपा का हमला
आपको बता दे कि समाजवादी पार्टी का कहना है कि भाजपा की राजनीति ने रामगोपाल जैसे युवक को एक हिंसक घटना में फंसा दिया, जिसमें उसने अपनी जान गंवा दी. सपा का आरोप है कि भाजपा की सत्तालोभी राजनीति के कारण ही गोपाल इस घटना का शिकार बना. पार्टी ने कहा कि भाजपा इस पूरे घटनाक्रम को सांप्रदायिक रंग देकर अपने राजनीतिक हित साधने की कोशिश कर रही है.
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क्या है पूरा मामला?
13 अक्टूबर को बहराइच (Bahraich) के महसी तहसील में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन यात्रा के दौरान हिंसा भड़क उठी थी. यह शोभायात्रा समुदाय विशेष के मोहल्ले से गुजर रही थी, जब डीजे बजाने को लेकर विवाद शुरू हुआ.विवाद इतना ज्यादा बढ़ गया कि दोनों पक्षों में पथराव और फायरिंग होने लगी. फायरिंग में रामगोपाल मिश्रा को गोली लगी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
सीएम योगी का सख्त रुख
हिंसा के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हालात पर कड़ा रुख अपनाया. उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को घटनास्थल पर भेजा और स्थिति को नियंत्रित करने के निर्देश दिए. योगी ने उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया और इस घटना को लेकर अफवाह फैलाने वालों पर भी नजर रखने को कहा. इसके साथ ही एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश को तुरंत बहराइच भेजने के आदेश दिए गए.
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प्रशासन की विफलता को लेकर उठाए सवाल
बहराइच (Bahraich) हिंसा के दौरान पुलिस और प्रशासन की विफलता को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. सपा ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि त्योहारों के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए थे, जिसके कारण हिंसा ने बड़ा रूप ले लिया. स्थानीय प्रशासन स्थिति को नियंत्रण में लाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन इलाके में तनाव अभी भी बरकरार है. समाजवादी पार्टी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि यह पूरी घटना भाजपा की सियासी साजिश का नतीजा है और इसमें जान गंवाने वाले रामगोपाल को हिंसा का मोहरा बनाया गया.