Bahraich violence: उत्तर प्रदेश के बहराइच में हुई हिंसा (Bahraich violence) मामले में यूपी पुलिस (UP Police) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान दो आरोपियों को गोली मारी, जिनमें से दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। पुलिस का कहना है कि ये सभी आरोपी हिंसा के बाद नेपाल भागने की फिराक में थे। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश ने बताया कि इन आरोपियों को हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था और इनकी निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त हथियार भी बरामद कर लिया गया है। पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने गिरफ्तारी के बाद हथियारों से फायरिंग की, जिसके जवाब में पुलिस को गोली चलानी पड़ी और दो आरोपी घायल हो गए।
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ओवैसी का आरोप: ‘ठोक देंगे’ नीति पर सवाल
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस एनकाउंटर (Bahraich Encounter) पर सवाल उठाते हुए कहा कि, “बहराइच हिंसा के आरोपियों का एनकाउंटर किसी से छिपा नहीं है। योगी आदित्यनाथ की ‘ठोक देंगे’ नीति के बारे में सब जानते हैं। अगर पुलिस के पास पर्याप्त सबूत होते, तो उन्हें कानूनी प्रक्रिया के तहत सजा दिलाने की कोशिश होती।” ओवैसी (Owaisi) का यह बयान सीधे तौर पर यूपी सरकार और उसकी एनकाउंटर नीति पर सवाल उठाता है। उनके मुताबिक, अपराधियों को सजा दिलाने के लिए पुलिस द्वारा कानूनी रास्ता अपनाया जाना चाहिए था, बजाय मुठभेड़ के।
समाजवादी पार्टी का हमला: ‘सरकार की नाकामी छिपाने का प्रयास’
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने भी बहराइच एनकाउंटर पर निशाना साधते हुए कहा, “सरकार लगातार अपनी नाकामी छिपाने के लिए एनकाउंटर कर रही है। एनकाउंटर, हाफ एनकाउंटर, ये सभी सरकार की नई परिभाषाएं हैं। अगर एनकाउंटर से कानून-व्यवस्था सुधर रही होती, तो उत्तर प्रदेश कई मामलों में अन्य प्रदेशों से बेहतर होता।” उन्होंने सवाल उठाया कि जब पुलिस को बहराइच के कार्यक्रम की जानकारी थी, तो उसे शांतिपूर्ण तरीके से क्यों नहीं संपन्न करवाया जा सका? अखिलेश ने आरोप लगाया कि सरकार नफरत की राजनीति कर रही है और इस तरह के एनकाउंटर्स से वह अपने प्रशासनिक विफलताओं को छिपा रही है।
पुलिस ने क्या कहा?
यूपी पुलिस के मुताबिक, बहराइच में रविवार को हुई हिंसा में राम गोपाल मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्या के मामले में पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनके नाम हैं—मोहम्मद फहीन, मोहम्मद तालीम, मोहम्मद सरफराज, मोहम्मद हमीद और मोहम्मद अफजल। पुलिस का कहना है कि जब इन आरोपियों को बरामद हथियारों की तलाश में लेकर जाया गया, तो आरोपियों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी गोली चलाई, जिसमें दो आरोपी गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस ने दावा किया है कि मर्डर में उपयोग किए गए हथियार भी बरामद कर लिए गए हैं और अब आरोपियों का इलाज चल रहा है।
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सरकार पर बढ़ता सियासी दबाव
बहराइच हिंसा मामले में हुए एनकाउंटर के बाद विपक्षी दलों ने योगी सरकार पर तीखा हमला बोला है। जहां एक ओर ओवैसी ने एनकाउंटर की प्रक्रिया पर सवाल उठाया, वहीं अखिलेश यादव ने इसे सरकार की नाकामी बताया। विपक्ष लगातार यह आरोप लगा रहा है कि योगी सरकार अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के नाम पर फर्जी एनकाउंटर्स करवा रही है, जिससे प्रदेश की कानून-व्यवस्था बदतर होती जा रही है। बहराइच हिंसा और उसके बाद हुए एनकाउंटर ने उत्तर प्रदेश की राजनीति को एक बार फिर गरमा दिया है। जहां सरकार इसे अपराधियों के खिलाफ एक सख्त कदम बता रही है, वहीं विपक्ष इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन और प्रशासनिक नाकामी का प्रतीक मान रहा है। अब देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या कदम उठाए जाते हैं और क्या सरकार विपक्ष के इन सवालों का कोई ठोस जवाब दे पाती है या नहीं।
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