Bahraich Violence: बहराइच के महसी में दुर्गा पूजा विसर्जन यात्रा के दौरान भड़की हिंसा (Bahraich Violence) के बाद सरकार ने एक और बड़ी कार्रवाई की है। योगी सरकार ने इस मामले में एएसपी ग्रामीण पवित्र मोहन को पद से हटा दिया है और उन्हें पुलिस महानिदेशक कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है। उनकी जगह एएसपी दुर्गा प्रसाद तिवारी को नियुक्त किया गया है।
पहले भी कई अधिकारियों पर गिरी थी गाज
बहराइच हिंसा के बाद सरकार ने लगातार पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों पर शिकंजा कस रखा है। एएसपी ग्रामीण पर कार्रवाई से पहले भी कई अन्य अफसरों को जिम्मेदारी से हटाया जा चुका है। इस कड़ी में जिला सूचना अधिकारी गुलाम वारिस को भी बहराइच से हटाकर मुख्यालय संबद्ध कर दिया गया था। साथ ही, तहसीलदार महसी रविकांत द्विवेदी को भी लापरवाही के आरोप में पद से हटाकर नायब तहसीलदार सौरभ सिंह को प्रभारी बनाया गया। इसके अलावा, महसी सर्किल के सीओ रुपेन्द्र गौड़ को निलंबित कर दिया गया और रामपुर में तैनात रहे सीओ रवि खोखर को उनका स्थान दिया गया।
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कैसे भड़की थी हिंसा
बहराइच के महराजगंज क्षेत्र में दुर्गा पूजा विसर्जन के दौरान हिंसा की शुरुआत हुई थी। रेहुआ के निवासी रामगोपाल मिश्रा की निर्मम हत्या ने इस घटना को और भड़का दिया, जिसके बाद हालात नियंत्रण से बाहर हो गए। उपद्रव और आगजनी की घटनाएं बेकाबू हो गईं। घटना के बाद पुलिस प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई करते हुए 12 मामले दर्ज किए हैं। इनमें 6 नामजद आरोपियों समेत 1,304 अज्ञात लोगों को भी आरोपित बनाया गया है। पुलिस अब तक 103 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है, जिनमें रामगोपाल मिश्रा की हत्या में शामिल 6 आरोपी भी शामिल हैं।
साजिश का खुलासा
सूत्रों के मुताबिक, हिंसा एक अचानक की घटना नहीं थी, बल्कि इसके पीछे एक सुनियोजित साजिश थी। कहा जा रहा है कि लोगों को पहले से ही हथियारों और लाठी-डंडों के साथ बुलाया गया था। जैसे ही विसर्जन यात्रा अब्दुल के घर के पास पहुंची, वहां श्रद्धालुओं पर पथराव शुरू कर दिया गया। इस सुनियोजित हिंसा का नतीजा यह हुआ कि पूरा इलाका हिंसा की चपेट में आ गया।
सामान्य हो रहा जनजीवन, फिर भी खौफ बरकरार
चार दिनों तक चले इस संप्रदायिक हिंसा के बाद अब स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। रमपुरवा, भगवानपुर, हरदी, शिवपुर और खैरा बाजार जैसे क्षेत्रों में दुकानों के शटर खुल गए हैं और लोग बाजारों में निकलकर आवश्यक सामान खरीद रहे हैं। हालांकि, अभी भी लोगों के मन में डर बना हुआ है और जनजीवन पूरी तरह से पटरी पर लौटने में समय लग रहा है। इस हिंसा ने बहराइच के लोगों को मानसिक और सामाजिक रूप से प्रभावित किया है, जिसके असर से उबरने में अभी वक्त लगेगा। हालांकि, इस घटना के पीछे के असली साजिशकर्ताओं और हिंसा को भड़काने वालों के खिलाफ अभी भी कड़ी कार्रवाई की दरकार है।