Bahraich Violence: उत्तर प्रदेश के बहराइच (Bahraich) में हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा के मुख्य आरोपी सरफराज और तालिब को गुरुवार को पुलिस मुठभेड़ में गोली लगने से घायल कर दिया गया। इन पर रामगोपाल मिश्रा की हत्या का आरोप था, जो मां दुर्गा की प्रतिमा के विसर्जन के दौरान हिंसा में गोली मारकर मारे गए थे। घटना के बाद से दोनों फरार चल रहे थे और पुलिस इनकी तलाश कर रही थी। पुलिस को सूचना मिली थी कि सरफराज नेपाल भागने की फिराक में है, लेकिन इससे पहले ही उसे मुठभेड़ (Encounter) में पकड़ लिया गया।
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रामगोपाल मिश्रा की हत्या में थी मुख्य भूमिका
सरफराज और तालिब पर बहराइच में हुई हिंसा (Bahraich Violence) के दौरान रामगोपाल मिश्रा की हत्या का आरोप था। 31 जुलाई को हुए मां दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान दोनों आरोपियों ने हिंसा भड़काई थी, जिसमें रामगोपाल मिश्रा को गोली मारी गई थी। हिंसा के बाद से दोनों आरोपी फरार चल रहे थे, और पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी के लिए सघन तलाशी अभियान चलाया था।
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नेपाल भागने की फिराक में था सरफराज
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, सरफराज नेपाल भागने की योजना बना रहा था। हालांकि, पुलिस ने उसकी योजना को नाकाम कर दिया और एक विशेष अभियान के तहत उसे मुठभेड़ में पकड़ लिया। पुलिस के साथ मुठभेड़ के दौरान सरफराज और तालिब को गोली लगी, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया। इस मुठभेड़ में पुलिस ने उनके पास से अवैध हथियार भी बरामद किए हैं।
मुठभेड़ के बाद अफवाहों पर पुलिस ने की सख्ती
पुलिस ने इस मुठभेड़ के बाद जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की अफवाहों से दूर रहें। पुलिस-प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि सोशल मीडिया पर फैली भ्रामक सूचनाओं पर कड़ी नजर रखी जा रही है और अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने चेतावनी दी है कि यदि कोई भी व्यक्ति गलत जानकारी फैलाता पाया गया, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सख्त संदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने बहराइच हिंसा और मुठभेड़ को लेकर कड़ा संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था को चुनौती देने वालों के खिलाफ कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। मुख्यमंत्री ने पुलिस की कार्रवाई का समर्थन करते हुए कहा कि राज्य में शांति और सुरक्षा बनाए रखना सरकार की प्राथमिकता है और हिंसा फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
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परिवारों ने फर्जी मुठभेड़ का लगाया आरोप
हालांकि, मुठभेड़ के बाद मारे गए आरोपियों के परिवारों ने पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि उनके रिश्तेदार निर्दोष थे और उन्हें जानबूझकर निशाना बनाया गया है। आरोपियों के परिवारों ने इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। इस मुठभेड़ पर मानवाधिकार संगठनों ने भी सवाल उठाए हैं और मामले की स्वतंत्र जांच की मांग की है। उनका कहना है कि कानून-व्यवस्था के नाम पर पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई की न्यायिक समीक्षा होनी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी निर्दोष व्यक्ति को निशाना न बनाया जाए।
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पुलिस का बयान: आत्मरक्षा में की गई कार्रवाई
बहराइच पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हमने हिंसा में शामिल आरोपियों की धर-पकड़ के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया था। जब हमने आरोपियों को घेरने की कोशिश की, तो उन्होंने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। आत्मरक्षा में पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की, जिसमें तीन प्रमुख आरोपी मारे गए। उनके पास से भारी मात्रा में अवैध हथियार भी बरामद किए गए हैं, जिनका इस्तेमाल उन्होंने हिंसा के दौरान किया था।” जहां एक ओर पुलिस ने सख्ती से अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की है, वहीं दूसरी ओर आरोपियों के परिवार और मानवाधिकार संगठनों ने मुठभेड़ की न्यायिक समीक्षा की मांग की है। अब देखना यह होगा कि इस मामले में आगे क्या कदम उठाए जाते हैं।